मुंबई। मौजूदा बजट सत्र कई मायनों में खास रहने वाला है। एक तरफ जहां देश का आम बजट पेश होगा वहीं सरकार इस सत्र में डिजिटल करेंसी को लेकर बिल लाने की तैयारी में है। सरकार के इस नए बिल में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की तैयारी हो रही है, साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आबीआई) इन प्राइवेट करेंसी का विकल्प तैयार करने में जुटी हुई है।
आरबीआई ने बुकलेट जारी करते हुए कहा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है। हालांकि यह प्राइवेट करेंसी नहीं होंगी। सेन्ट्रल बैंक ने अपनी बुकलेट में कहा, “प्राइवेट डिजिटल करेंसी की लोकप्रियता हाल के दिनों में काफी बढ़ी है। भारत में सरकार और रेगुलेटरों को इस पर काफी संदेह है। ऐसे में आरबीआई इस संभावना की खोज कर रहा है कि इसकी आवश्यकता है या नहीं अगर है तो इसे कैसे चालू किया जाए।”
सुप्रीम कोर्ट से मिल चुकी है मंजूरी : भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई निश्चित गाइडलाइन नहीं है। 2018 में सरकार ने एक सर्कुलर के जरिए क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूरे प्रकरण की सुनवाई करते हुए सर्कुलर पर रोक लगाने के साथ इस मान्यता दे दी थी।
2019 में भी हो चुकी है प्रतिबंध की मांग : साल 2019 में भी इस कानून को प्रतिबंध करने की मांग हो चुकी है। हालांकि तब सरकार ने इसको लेकर कोई भी बिल संसद में पेश नहीं किया था। क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 में कुछ अपवादों को छोड़कर डिजिटल करेंसी के बढ़ावा देने की अनुमति देगा।
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