- भाजपा नेताओं के बाद अब विधायक और मंत्रियों ने भी खोला मोर्चा
- कोरोना से खराब हालात के लिए उठा रहे सवाल
भोपाल। प्रदेश में कोरोना संकट (Corona crisis) के बीच अस्पतालों (Hospitals) में दवा, बेड, ऑक्सीलन (Oxygen) एवं अन्य जरूरी सुविधाएं नहीं मिलने पर अभी तक विपक्ष ही सरकार (Government) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा था, लेकिन अपने भी खराब सिस्टम (System) के लिए सरकार (Government) को कोसने लगे हैं। पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक अजय विश्नोई (Ajay Vishnoi) शुरू से ही कोविड नियंत्रण (Covid control) में सिस्टम (System) की नाकामी पर सवाल उठा रहे हैं। अब भाजपा (BJP) के अन्य नेता और विधायक भी कूद पड़े हैं। हालांकि ये नेता सीधे तौर पर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल नहीं उठाते हुए सिस्टम को कोस रहे हैं। भाजपा नेता (BJP Leader) यह कह रहे हैं सिस्टम (System) की वजह से लोगों की जान जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार सिस्टम (System) को चला कौन रहा है।
- अजय विश्नोई (Ajay Vishnoi): अजय विश्नोई भाजपा के ऐसे नेता हैं जो कोरेाना संक्रमण को लेकर शुरू से ही सरकार के खिलाफ मुखर हो रहे हैं। एक पखवाड़े पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे, तब विश्नोई ने मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और कोरोना संक्रमित मरीजों और मौतों के आंकड़ों को गलत बताया। हालंाकि मुख्यमंत्री ने दखल देकर विश्नोई को चुप कराया था।
- सुरेन्द्र पटवा (Surendra Patwa) : पूर्व मंत्री एवं भोजपुर विधायक सुरेन्द्र पटवा हमेशा विवादित बयानों से दूर रहे हैं। लेकिन जनप्रतिनिधि होने के नाते उनसे भी जनता का दर्द देखा नहीं जा रहा है। पटवा ने भी बेकाबू होते कोरोना संक्रमण के लिए सिस्टम को जिम्मेदार बताया है। पटवा के अनुसार यदि पर्याप्त बेड, ऑक्सीजन, इंजेक्शन एवं अन्य आवश्यक सामग्री होती तो यह हाल नहीं होता।
- विधायक के बेटे मोनू पटेल (Monu Patel): नरसिंहपुर से भाजपा विधायक जालिम सिंह पटेल कोरोना की चपेट में हैं वे अस्पताल में भर्ती बताए जा रहे हैं। साथ ही उनके समर्थक भी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित है। वे चाहकर भी समर्थकों और क्षेत्र के लोगों को चिकित्सीय सुविधा मुहैया नहीं करा पा रहे हैं। जिसको लेकर उनके बेटे मोनू पटेल ने सोशल मीडिया के जरिए भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। जामिल सिंह पटेल के बड़े भाई प्रहलाद सिंह पटेल मोदी सरकार में राज्यमंत्री हैं। एक पखवाड़े पहले दोनों भाई दमोह विधानसभा उपचुनाव में खासे सक्रिय थे।
- रामेश्वर शर्मा: दो महीने पहले तक प्रोटेम स्पीकर के रूप में सबसे ताकतवर विधायकों में गिने जाने वाले भाजपा के रामेश्वर शर्मा इन दिनों सिस्टम के आगे लाचार दिखाई पड़ रहे हैं। वे काफी कोशिशों के बावजूद भी अपने चुनाव क्षेत्र हुजुर में आने वाले बैरागढ़ में सिविल अस्पताल को कोविड सेंटर नहीं बनवा पाए हैं। अब उन्होंने भोपाल जिला प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि यदि 10 मई तक अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए सुविधाएं शुरू नहीं की गर्ईं तो वे 11 मई से धरने पर बैठ जाएंगे। विधायक के इस अल्टीमेटम को उनकी सियासी चाल माना जा रहा है।
- अभिषेक भार्गव (Abhishek Bhargawa): प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर के नेता लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव अपने चुनाव क्षेत्र गढ़ाकोटा की जनता के लिए हर तरह से मदद के लिए तैयार रहते हैं। हाल ही में भार्गव ने गढ़ाकोटा के कोविड सेंटर के लिए अपने स्तर पर डॉक्टर के लिए विज्ञापन निकाला था। साथ ही उन्होंने ऐलान किया है कि यदि कोई नर्स या डॉक्टर कोविड संक्रमित होता है तो देश के किसी भी अस्पताल में वे अपने खर्चे पर इलाज करवाएंगे। इसी बीच भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव ने सरकार के इंजेक्शन एवं दवाओं की कालाबाजारी मुहिम की पोल खोल दी है। अभिषेक ने बाकायदा सोशल मीडिया के जरिए बताया कि उन्होंने गढ़ाकोटा कोविड सेंटर के लिए ब्लैक में दवा खरीदी हैं।
- नारायण त्रिपाठी (Narayan Tripathi): मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। विधायक ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि वर्चुअल मीटिंग के तमाशे से कुछ होने वाला नहीं है। लोगों के लिए दवाई, वेंटिलेटर, बेड और आक्सीजन की व्यवस्था की जाए। अस्पतालों की हालत यह है कि डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ के लिए पीपीई किट का इंतजाम तक नहीं है। नारायण त्रिपाठी ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए एक माह के लिए टोटल लॉकडाउन कर दिया जाए। इस दौरान कोरोना टेस्टिंग, जांच और वैक्सीनेशन का काम घर-घर स्वास्थ्य कर्मियों को भेजकर कराया जाए ताकि प्रदेश के लोगों की जान बचाई जा सके।