नई दिल्ली। जल्द ही भारत सरकार एक और लिस्ट निकालने वाली है जिसमें मौजूद कम्पनीज़ (Companies)को बैन कर दिया जाएगा जैसा कि पहले तीन बार अलग-अलग कम्पनीज़ को किया जा चुका है। चूकि सरकार के लिए एक बार में ही इतने सारे एप्स प्रतिबंधित किया जाना आसान नहीं है और इसी वजह से प्रतिबंधन के लिए सरकार द्वारा एक विशेष प्रक्रिया बनायी गयी है जिसके अनुसार जो भी एप लोगों को सर्वाधिक आकर्षित करती है और साथ ही डाउनलोड भी अधिक की जाती है उन एप्स की गतिविधियों पर सरकार द्वारा नज़र रखी जाती है और फिर ज़रूरत पड़ते ही उन पर बैन करने की कार्यवाही शुरू कीं जाती है।
अलग-अलग चरणो में प्रतिबंधन ऐसा लग रहा है ,मानो सरकार की नीति काफ़ी स्पष्ट है ,कि उचित समय के अंतराल पर इनको बैन किया जाएगा ताकि जब तक पहले चरण की एप्स की सुनवाई का समाधान हो तब तक अख़िरी चरण तक की सारी एप्स बैन कर दी जाए ।
ये बैन सूचना प्रोघोगिकी (Information Technology)अधिनियम की धारा 69A के अंतर्गत लागू किया जाता है ,अर्थात् इस अधिनियम में देश की संप्रभुता,एकता अखंडता और सुरक्षा के विरुद्ध किसी भी प्रकार के अनआवश्यक एप्स और कंटेंट को बैन करने का उल्लेख किया गया है ।
पहली बार सरकार ने इन एप्स पर बैन तब लगाया था जब इस साल सीमा पर दोनो देशों की आर्मी आमने सामने आयी थी उसके बाद ये चौथा राउंड है जब बैन लगने जा रहा है।
इससे जुड़े अधिनियम 69A में सरकार के लिए ये ज़रूरी नहीं है कि वो पहले कम्पनीज़ को नोटिस दे और उसका जवाब आने तक इंतज़ार करे फिर बैन लगाए बल्कि कम्पनी तो ऐसे में किसी भी तरह की अंतरिम राहत के लिए कोर्ट भी नहीं जा सकती।क्यूँकि 69A केअनुसार सरकार के पास इमरजेंसी पॉवर है किसी भी देश विरोधी या कहे सुरक्षा से जुड़े कंटेंट को तत्काल रोकने की।
इस बैन के बाद कम्पनी अपना मामला सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर सकती है जिसके लिए फिर एक अंतर मंत्रालीय पैनल बनाई जाती है जो मामले को समझ कर उसकी पूर्ण जाँच करती है और अपनी रिपोर्ट वो IT सेक्रेटेरी को जमा करा देते है फिर वो सेक्रेटेरी सारे दस्तावेज़ो के आधार पर निर्णय लेता है की बैन रहेगा या नहीं ।
इस प्रकार के बैन का हालाँकि एक उद्देश्य ये भी है कि हमारे देश से हमारे देश की किसी भी तरह की सूचना या संग्रहित डेटा का दूसरे देशों को साझा ना किया जाए। वैसे अभी तक सरकार ने जून में सबसे पहले चरण में 59 एप्स को बैन किया था जिसमें मुख्य टिक टोक (Tik Tok) और वी चैट (We Chat) जैसी एप्स थी उसके बाद जुलाई में 47 एप्स जो कि पहले प्रतिबंधित की गयी एप्स की प्रॉक्सी थी उसके बाद सितम्बर में 118 एप्स को किया गया जिनमे मुख्य गेमिंग एप पबजी (PUBG) शामिल थी और अब ये चौथा चरण है जिसमें ये देखना है की आगे किन एप्स को देश के लिए ख़तरा माना जा रहा है।
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