नई दिल्ली: कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Health Secretary Rajesh Bhushan) की तरफ से NCDC और ICMR को चिट्ठी लिखी गई है. कहा गया है कि सभी राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग (genome sequencing) पर जोर देना होगा. इस समय देश में कोरोना के मामले ज्यादा नहीं हैं, मौते भी काफी कम हो गई हैं. लेकिन क्योंकि पूरी दुनिया में ये वायरस फिर पैस पसार रहा है, ऐसे में सरकार भी कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहती है.
इसी वजह से स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की तरफ से NCDC और ICMR को चिट्ठी लिखी गई है. उस चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि अगर कोरोना के नए वैरिएंट्स की समय रहते पहचान करनी है, इसके लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी है. राज्यों को भी निर्देश दिया गया है कि वे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजे. वैसे एक तरफ भारत सरकार सभी राज्यों को सावधान रहने के लिए कह रही है, वहीं दूसरी तरफ पैनिक ना करने की भी नसीहत दे रही है.
मंगलवार को एंटी टास्क फोर्स के वरिष्ठ सदस्य और कोविड टीकाकरण अभियान के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने दो टूक कहा है कि भारत को चीन की स्थिति से चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है. वे कहते हैं कि हम सुन रहे हैं कि चीन में कोरोना वायरस फिर तेजी से पैर पसार रहा है. लेकिन भारत की बात करें तो यहां बड़े स्तर पर टीकाकरण किया जा चुका है. एडल्ट पॉपुलेशन में तो ज्यादातर लोगों को टीका लग चुका है. एनके अरोड़ा ने ये जानकारी भी दी है कि दुनिया में अब तक जितने भी कोरोना के सब वैरिएंट आए हैं, उनके मामले भारत में मिल चुके हैं. ऐसे में सिर्फ सावधानी बरतने की जरूरत है, चिंता करने की नहीं.
अब यहां ये समझना जरूरी है कि भारत और चीन की स्थिति में काफी फर्क है. चीन में इस समय कोरोना विस्फोट इसलिए हुआ है क्योंकि वहां पर बड़े स्तर पर अभी तक टीकाकरण नहीं किया गया है. उसकी बुजुर्ग आबादी में तो कई लोगों ने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई है. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, अब तक 60 साल से ऊपर की 87% आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी है, लेकिन 80 साल से ज्यादा उम्र के सिर्फ 66.4% बुजुर्गों को ही वैक्सीन लगी है.
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