नई दिल्ली। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीफ फसलों की खरीद प्रक्रिया जारी है। सरकार ने इस साल नवम्बर के तीसरे सप्ताह में गत वर्ष के मुकाबले किसानों से 17.73 प्रतिशत अधिक धान खरीदा है। उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि वर्तमान खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) 2020-21 के दौरान, सरकार ने अपनी मौजूदा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजनाओं के अनुसार किसानों से एमएसपी पर खरीफ 2020-21 फसलों की खरीद जारी रखी है।
21 नवम्बर तक कुल 297.51 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद के साथ खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू एवं कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सुचारु रूप से जारी है। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 252.69 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी यानि इस बार धान की खरीद में 17.73 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। 297.51 लाख मीट्रिक टन की कुल खरीद में से अकेले पंजाब ने 201.73 लाख मीट्रिक टन का योगदान दिया है, जो कुल खरीद का 67.80 प्रतिशत है। कुल 56168.95 करोड़ रुपये एमएसपी मूल्य के साथ वर्तमान केएमएस खरीद प्रक्रिया से लगभग 26.15 लाख किसान अभी तक लाभान्वित हो चुके हैं।
इसके अलावा, राज्यों से प्रस्ताव के आधार पर खरीफ विपणन सीजन 2020 के लिए तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश राज्यों से मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 45.10 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद के लिए मंजूरी दी गई थी। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों के लिए खोपरे (बारहमासी फसल) की 1.23 लाख मीट्रिक टन की खरीद को भी मंजूरी दी गई। पीएसएस के तहत अन्य राज्य व केन्द्र शासित प्रदेशों से खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर दलहन, तिलहन और खोपरे के लिए भी मंजूरी दी जाएगी ताकि अधिसूचित फसल अवधि के दौरान बाजार दर एमएसपी से कम होने की स्थिति में वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित एमएसपी के आधार पर इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद, राज्य की ओर से नामित खरीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा संबंधित राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में सीधे पंजीकृत किसानों से की जा सके।
21 नवम्बर तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 362.43 करोड़ रुपये की एमएसपी मूल्य वाली मूंग, उड़द, मूंगफली की फली और सोयाबीन की 67045.66 मीट्रिक टन की खरीद की जिससे तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के 38,892 किसान लाभान्वित हुए। पिछले वर्ष की इसी अवधि में 65850.05 मीट्रिक टन की खरीद की गई थी यानि इस बार दलहन और तिलहन की खरीद में 1.82 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह, 21 नवम्बर तक कर्नाटक और तमिलनाडु के 3961 किसानों को लाभान्वित करते हुए 52.40 करोड़ रुपये एमएसपी मूल्य वाली 5089 मीट्रिक टन खोपरे (बारहमासी फसल) की खरीद की गई जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 293.34 मीट्रिक टन खोपरे की खरीद हुई थी। खोपरे और उड़द के संदर्भ में, अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में दरें एमएसपी से अधिक हैं। संबंधित राज्य व केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारें खरीफ की फसल दलहन और तिलहन के संबंध में आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय की गई तरीख से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर रही है।
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और कर्नाटक राज्यों में एमएसपी के तहत बीज कपास (कपास) की खरीद प्रक्रिया सुचारु रूप से जारी है। 21 नवम्बर तक 2102116 कपास की गांठें खरीदी गईं जिनका मूल्य 6440.28 करोड़ रुपये हैं जिससे 4,19,634 किसान लाभान्वित हुए हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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