गुवाहाटी। असम की सरकार ने सरकारी पैसों से धार्मिक शिक्षा बंद करने का फैसला क्या लिया। असम सरकार का कहना है कि जनता के पैसों की फिजूलखर्ची अब नहीं होगी। असम सरकार ने कहा है कि जनता के पैसे से धार्मिक शिक्षा का प्रावधान नहीं है। ये आदेश असम के संस्कृत स्कूलों पर भी लागू होगा। वहीं विपक्ष के नेता ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाए है। सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा है कि सरकार आई तो फैसला वापस होगा।
असम सरकार में मंत्री हेमंता बिस्वा शर्मा ने घोषणा की है कि राज्य के सभी सरकारी मदरसे बंद किए जाएंगे। उन्होंने कहा है कि पब्लिक के रुपयों से धार्मिक शिक्षा देने का प्रावधान नहीं है, इसलिए सरकारी मदरसे अब नहीं संचालित होंगे। साथ ही सरकारी मदद से चल रहे संस्कृत विद्यालय भी अब बंद कर दिए जाएंगे। इस बाबत नोटिफिकेशन अगले महीने जारी कर दिया जाएगा।
असम सरकार के इस बयान पर AIUDF प्रमुख और लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि अगर बीजेपी की राज्य सरकार सरकारी मदरसे बंद कर देगी तो उनकी सरकार इन्हें फिर से खोल देगी। बता दें कि असम में अगले साल विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
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