नई दिल्ली: सरकार लगातार कमाई बढ़ाने को लेकर फोकस कर रही है. कई योजनाएं भी हैं जिनमें सरकार सफल भी हुई है. अब केंद्र सरकार ने देश के खजाने को भरने के लिए नया तरीका अपनाने पर विचार कर रही है. सरकार ने ऐसा प्लान बनाने जा रही है कि जिससे सड़कों से कमाई हो सके. रेटिंग एजेंसी केयरएज के अनुसार भारत सरकार आने वाले सालों में हाईवेज को मॉनेटाइज कर लगभग दो ट्रिलियन रुपये (24.1 बिलियन डॉलर के बराबर) का रेवेन्यू जेनरेट करने की प्लानिंग पर काम कर रही है.
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को अगले तीन सालों में सालाना लगभग 4,000 से 4,500 किलोमीटर (2,796.2 मील के बराबर) नई सड़कें बनाने की उम्मीद है. सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) या टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (टीओटी) मॉडल का यूज कर इन असेट्स से रेवेन्यू जेनरेट कर सकती है.
सरकार की मौजूदा योजना, जो पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर बेस्ड है, सफल रही है क्योंकि मार्च 2020 से पहले सौंपी गई 88 फीसदी रोड प्रोजेक्ट्स अब चालू हैं और उनका मॉपनेटाइजेशन किया जा सकता है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2020 से पहले की अवधि में आवंटित परियोजनाओं में से केवल 12 फीसदी में उनके ऑपरेटरों की कमजोरियों के कारण देरी हुई है. मार्च 2020 से पहले सौंपी गई 88 फीसदी सड़क परियोजनाओं ने सफलतापूर्वक ऑपरेशनल स्टेटस हासिल कर लिया है. ध्यान देने वाली बात ये है कि इनमें से 12 फीसदी प्रोजेक्ट्स देरी हुई है, और एक महत्वपूर्ण अनुपात, यानी 75 फीसदी डिलेड प्रोजेक्ट्स कमजोर स्पांसर्स की वजह से हुए हैं.
केयरएज रेटिंग्स के निदेशक मौलेश देसाई ने कहा कि जबकि मजबूत स्पांसर्स को हेल्दी बैलेंस शीट इंडिकेटर्स से प्रॉफिट होने की उम्मीद है, जो उन्हें फाइनेंशियल फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करते हैं, पर्याप्त अंडर कंस्ट्रक्शन पोर्टफोलियो और सख्त मंजूरी शर्तों के साथ कमजोर से बेहतर मजबूत से थोड़े हल्के स्पांसर्स को बढ़े फाइनेंसिंग रिस्क का सामना करना पड़ता है.
नेशलन हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने नवंबर 2021 में एक इनविट लॉन्च किया और दिसंबर 2022 तक लगभग 102 बिलियन रुपये जुटाए. स्थानीय मीडिया ने बताया कि भारत सरकार वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले इनविट्स की एक और किश्त के माध्यम से अतिरिक्त 100 बिलियन रुपये जुटाने की योजना बना रही है.
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