नई दिल्ली: नकदी संकट से जूझ रहे कंस्ट्रक्शन सेक्टर (Construction Sector) के लिए सरकार ने विवाद होने की स्थिति में ठेकेदारों को बैंक गारंटी (Bank Guarantee) लेकर 75 फीसदी राशि जारी करने की अनुमति देने वाले नियम बना दिए हैं.
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने नवंबर, 2019 में सरकारी विभागों को कहा था कि वे विवाद निपटान मध्यस्थता पंचाट (Arbitration Panel) की तरफ से ठेकेदार को देने के लिए जारी आदेश की 75 फीसदी राशि का भुगतान कर सकते हैं. मध्यस्थता पंचाट के आदेश को चुनौती देने की स्थिति में यह प्रावधान लागू होना था.
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के व्यय विभाग ने गत 29 अक्टूबर को जारी एक आदेश में कहा है कि आर्बिट्रेशन पैनल के आदेश को चुनौती दिए जाने की स्थिति में भुगतान के लिए कही गई रकम के 75 फीसदी हिस्से का भुगतान संबंधित मंत्रालय या विभाग उस ठेकेदार को बैंक गारंटी लेकर करेंगे. इसमें पंचाट का फैसला आने की तारीख तक बकाया राशि पर ब्याज भी शामिल हो सकता है.
बैंक गारंटी सिर्फ 75 फीसदी राशि के लिए ही देनी होगी
इसके लिए व्यय विभाग ने सामान्य वित्तीय नियम (जीएफआर) में एक नया नियम 227A भी जोड़ा है. इसके मुताबिक, ठेकेदार को बैंक गारंटी सिर्फ 75 फीसदी राशि के लिए ही देनी होगी, देय ब्याज पर नहीं. यह भुगतान एक तय एस्क्रो खाते में किया जाएगा जिसमें यह बाध्यता होगी कि उसमें जमा राशि का उपयोग पहले बकाया कर्ज के भुगतान में किया जाएगा.
बाकी राशि का इस्तेमाल संबंधित परियोजना को पूरा करने और फिर उसी मंत्रालय या विभाग की अन्य परियोजनाओं के लिए होगा. इस आदेश के मुताबिक, इसके बाद भी अगर एस्क्रो खाते में कुछ रकम बचती है तो ठेकेदार अपने बैंक एवं मंत्रालय की पूर्व-अनुमति लेकर उसका इस्तेमाल कर सकता है. इसके मुताबिक, ठेकेदार की रोकी गई कोई भी राशि बैंक गारंटी लेकर जारी की जा सकती है.
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