नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार कई कदम उठा रही है. सरकार ने कीमतों पर लगाम लगाने के लिए साल 2023 तक 20 फीसदी एथनॉल मिश्रित पेट्रोल सप्लाई (ethanol blended petrol supply) का लक्ष्य रखा था, जिसे निर्धारित समय से काफी पहले ही पाने का अनुमान है. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह (Hardeep Singh) पुरी ने इसकी जानकारी दी है. इसके बाद आप सस्ते में पेट्रोल खरीद पाएंगे. इससे देश को क्रूड के आयात (क्रूड के आयात) पर सालाना चार अरब डॉलर (four billion dollars) की बचत होगी.
हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि हम एथनॉल उत्पादन की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और मेरा मानना है कि 20 फीसदी मिश्रण वाला ईंधन अप्रैल, 2023 से पहले दिसंबर या जनवरी में बाजार में आ जाएगा. पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मिनिस्ट्री ने 2009 में नेशनल बायोफ्यूल पॉलिसी लागू किया था. बाद में इस मिनिस्ट्री ने 4 जून 2018 को उसके स्थान पर बायोफ्यूल पर नेशनल पॉलिसी-2018 को नोटिफाई किया था. मोदी सरकार ने अगले 2 वर्षों में पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिलाने (ब्लेंडिंग) का लक्ष्य रखा है. इससे महंगे तेल इम्पोर्ट मामले में बहुत हद तक राहत मिलेगी.
उन्होंने ब्राजील का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां फ्लेक्स ईंधन वाले वाहन उपलब्ध हैं और उपभोक्ता अपनी पसंद के अनुसार एथनॉल या पेट्रोल ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि यही सरकार का अंतिम लक्ष्य होगा. उन्होंने कहा, “हम इथेनॉल मिश्रण पर ऑटोमोबाइल निर्माताओं के साथ एक बड़ी बैठक करने जा रहे हैं.” भारत ने गैसोलीन में 20% इथेनॉल को मिलाने की समय सीमा को पांच साल बढ़ाकर 2025 कर दिया है. मंत्री ने कहा कि देश को पेट्रोल में वांछित 20% इथेनॉल मिश्रण प्राप्त करने के लिए 1,000 कोर लीटर क्षमता की आवश्यकता होगी.
उन्होंने कहा कि 450 करोड़ लीटर का उत्पादन किया जा रहा है और 400 करोड़ लीटर के टेंडर जारी कर दिए गए हैं. “हमारे पास 20 प्रतिशत मिश्रण के लिए पर्याप्त से अधिक इथेनॉल है. देश में बेचे जाने वाले सभी पेट्रोल में 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल का लक्ष्य रखा गया है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की हरियाणा के पानीपत में स्थित रिफाइनरी के पास ही 900 करोड़ रुपये की लागत से यह ऐथनॉल संयंत्र बनाया गया है.
इसमें चावल की पराली से सालाना करीब तीन करोड़ लीटर ऐथनॉल का उत्पादन होगा. वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात-आठ सालों में पेट्रोल में ऐथनॉल मिलाने से देश को 50,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है. उन्होंने कहा कि आठ सालों में ऐथनॉल उत्पादन 40 करोड़ लीटर से बढ़कर 400 करोड़ लीटर हो गया है.
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