रोहतक। केन्द्र सरकार (Central Government) द्वारा तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानो का आंदोलन (Farmers movement) लगातार जारी है। मकडोली टोल पर किसानों ने शहीदी दिवस मनाया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष प्रकट किया। किसानों का कहना है कि यह पहली ऐसी सरकार है जिसने देश व प्रदेश में इतने कम समय में जनता में अपना विश्वास खोया है। किसानों की अनदेखी सरकार को भारी पड़ेगी।
भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल ने कहा कि यह किसान आंदोलन आज देश का जनआंदोलन बन चुका है, लेकिन सरकार को यह बात समझ में नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार हठधर्मिता अपनाएं हुए है, जिसका सरकार को खामियाजा भुगतना पडेगा। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी शर्म की क्या बात होगी लगभग चार महीने से किसान शांतिपूर्ण तरीक्के से सरकार के सामने अपनी बात रखने का प्रयास कर रहे है और इस दौरान करीब तीन सौ किसानों की शहादत हो चुकी है, लेकिन सरकार कारपोरेट घरानों के इशारो पर किसानों की अनदेखी कर रही है।
अनिल नांदल ने कहा कि यह तीन काले कानून सरकार ने केवल अपने चहेते कारपोरेट घरानो को लाभ पहुंचाने के लिए लागू किए है, लेकिन देश की जनता सरकार के इस तानाशाही फैसले को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार जिस सता के नशे में चूर है, जल्द ही होने वाले देश के विभिन्न राज्यों के चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
अनिल नांदल ने कहा कि सरकार के मंत्री किसानों के प्रति जिस तरह से गलत बयानबाजी कर रहे है, वह सरासर गलत है, क्योकि देश का अन्नदाता अगर अन्न पैदा नहीं करेगा तो यह देश कैसे विकास कर पाएंगे, क्योकि कृषि क्षेत्र का देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है। किसान आंदोलन को हर वर्ग का पूर्ण समर्थन है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पूरे देश व प्रदेश में शहीदी दिवस मनाया गया है और 28 मार्च को काले कानूनों की प्रतियां जलाई जाएगी। (एजेंसी, हि.स.)
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