हिसार। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि केन्द्र सरकार किसानों को आत्मनिर्भर नहीं बल्कि कंपनी निर्भर बनाना चाहती है। सरकार किसानों से बातचीत करने से मुंह मोड़ रही है, ऐसा लगता है कि पूरी सरकार ही प्राइवेट हाथों में चली गई है।
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि तीन महीने से भी ज्यादा समय से किसान सड़कों पर बैठे हैं लेकिन सरकार जिद ठान कर बैठी हुई है। इस गतिरोध समाप्त करने के लिये सरकार पहल करे क्योंकि किसानों के साथ पिछली बार अंतिम दौर की बातचीत को अधर में छोड़कर सरकार भागी थी और किसान 5 घंटे तक इंतज़ार करते रहे। इसलिए अब बातचीत शुरू करने की जिम्मेदारी भी सरकार की है। सरकार बार-बार कह रही है कि वो बातचीत के लिये तैयार है, अगर सरकार सचमुच बातचीत के लिये तैयार है तो उसे पहल करते हुए तिथि, स्थान और समय निश्चित करके और किसान संगठनों को निमंत्रण देकर इसे सार्वजनिक करना चाहिए ताकि, देश भी भ्रम की स्थिति से निकल सके।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार आत्मनिर्भरता के नाम पर जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भूलकर प्राईवेट कंपनियों के पोषण में लगी हुई है। ऐसा लगता है कि पूरी सरकार ही प्राईवेट हाथों में चली गयी है। जो सरकार खुद ही आत्मनिर्भर नहीं है, वो खेती को क्या आत्मनिर्भर बनायेगी। एमएसपी और मंडी सिस्टम की वजह से ही खेती आत्मनिर्भर है। एक सवाल के जवाब में सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार तीन टांगों वाली कुर्सी के समान है जिसमें एक भाजपा, एक जजपा और एक निर्दलीय शामिल हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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