इंफाल। मणिपुर (Manipur) पिछले साल से सुलग रहा है। कुकी और मैतेई समुदाय (Kuki and Meitei communities) के बीच शुरू हुई हिंसा को एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। शांति बहाली के दावे में धराशाई हो रहे हैं। एक सितंबर को पश्चिमी इंफाल के कोत्रूक में ड्रोन, बम और हथियार से हमला किया गया। ड्रोन के कारण सरकार की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में राज्यसभा सांसद सनाजाओबा ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया और जांच करने के लिए अपने सदस्यों के साथ बैठक की।
सोमवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आशुतोष कुमार सिन्हा, मेजर जनरल एसएस कार्तिकेय, मेजर जनरल रवरूप सिंह, आईपीएस अधिकारी विपुल कुमार और उप महानिरीक्षक जेके बिरडी उपस्थित थे।
राज्यसभा सांसद ने सोशल मीडिया मंचएक्स पर कहा, ‘कुकी उग्रवादियों द्वारा इस्तेमाल किए गए ड्रोन की जांच के लिए अतिरिक्त डीजीपी की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया। इसमें कुकी उग्रवादियों द्वारा इस्तेमाल किए गए ड्रोन की जांच की जाएगी, जिसमें मणिपुर के कोत्रूक गांव में एक महिला की मौत हो गई और तीन पुलिसकर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए।’
इससे पहले, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने हिंसा की ताजा घटना की निंदा की। साथ ही कहा कि नागरिक और सुरक्षा बलों पर बम हमला करना आतंकवादी कृत्य है।
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