भोपाल। कोल इंडिया के जरिए पहले कोयले की सप्लाई कम कर दी गई है। अब बिजली कंपनियों को विदेश से कोयले की खरीदी करने का दबाव बनाया जा रहा है। यह आरोप आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने लगाया है। फेडरेशन के चेयरमेन शैलेंद्र दुबु ने कहा कि राज्यों को केंद्र की तरफ से एक तरह से सीधी धमकी भी दी जा रही है कि यदि जल्द ही कोयला आयात के आदेश जारी नहीं किए गए तो आवंटन और कम कर दिया जाएगा, जिससे तय है कि बिजली कमी बन जाएगी और ऐसे में मजबूरी हो जाएगी कि प्रदेश सरकार कोयला आयात करना होगा। आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने जारी बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने ताजा आदेश में कहा है कि राज्यों के जिन बिजली घरों ने कोयला आयात करने के टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ नही की है अथवा आयातित कोयले के लिए कोल इंडिया को इंडेन्ट नही दिया है, उनके डोमेस्टिक कोयले के आवंटन में 07 जून से कटौती कर उन्हें आवंटन का 70 प्रतिशत कोयला ही दिया जायेगा। इसके बाद भी यदि कोयला आयात न किया गया तो ऐसे बिजली घरों के घरेलू कोयला आवंटन में और कटौती करते हुऐ 15 जून से उन्हें आवंटन का 60 प्रतिशत कोयला ही दिया जायेगा। श्री दुबे ने इस आदेश को मनमाना करार देते हुए विरोध करने की मांग की है।
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