नई दिल्ली। देश में सरकार आने वाले सालों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों (electric trains) को बढ़ावा देने की पुरजोर कोशिश में लगी हुई है। सरकार के इस प्रयास से आने वाले दिनों में नौकरियों में भी इजाफा होने के आसार जताए जा रहे हैं। मैकेंजी और ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (McKenzie and the Automotive Component Manufacturers Association) के सर्वे के मुताबिक ई-वाहनों में कई जरूरी कंपोनेंट अलग होंगे। कंपोनेंट में बदलावों के बाद भी विशेषज्ञ कई नए क्षेत्रों में नौकरियों के मौके बढ़ने की उम्मीद जता रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक इसका फायदा ऑटो कंपोनेंट कंपनियों को भी हो रहा है। हालांकि, सूचना प्रौद्योगिकी यानी आईटी क्षेत्र में नई भर्तियों पर रोक और छंटनी की शुरुआत ने चिंता बढ़ा दी है।
इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में नौकरियां बढ़ने का अनुमान
देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बढ़त के साथ एक तरफ जहां आईसी इंजन से जुड़े कंपोनेंट के उत्पादन को सुस्त करेगी तो वहीं दूसरी तरफ इलेक्ट्रिक मोटर्स, बैटरी सेल और बैटरी सिस्टम की मांग बढ़ेगी। इससे जाहिर है उस दिशा में नौकरियों में भी बढ़त देखने को मिल सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक ऑटो कंपोनेंट क्षेत्र से जुड़ी तमाम कंपनियों ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरफ बढ़ते रुझान को देखते हुए कारोबार में बदलाव भी किया है और यह इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्रदान करने लगी हैं।
घरेलू खपत और निर्यात से नए अवसर बनेंगे
नौकरियों से जुड़ी कंसल्टेंसी कंपनी ग्लोबल हंट के सीईओ सुनील गोयल के मुताबिक देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बढ़त से ऑटो क्षेत्र में नौकरियों पर कोई बुरा असर दिखाई देने के आसार कम हैं। उनके मुताबिक देश में 2030 तक 30 फीसदी इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री का लक्ष्य है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे माहौल में देश में घरेलू खपत के साथ साथ विदेश में निर्यात के मोर्चे पर भी आईसी इंजन के कंपोनेंट से जुड़े कारोबार में रोजगार बने रहेंगे। साथ ही नए क्षेत्रों में भी भारत के लिए बड़े मौके होंगे।
आईटी कंपनियों में नई भर्ती बंद
1.4 फीसदी कटौती की टेक महिंद्रा ने सॉफ्टेवेयर में महामारी को दौर में दो साल में देश की शीर्ष 10 सूचना प्रौद्योगिकी यानी आईटी कंपनियों ने करीब पांच लाख नई भर्तियां कीं थीं। लेकिन अब कारोबार में सुस्ती आने के बाद नई भतिर्यों को बंद करने के साथ छंटनी की शुरुआत कर दी है। देश की 10 सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से पांच ने सितंबर तिमाही में बिक्री और सहायक कर्मचारियों में क्रमिक गिरावट दर्ज की गई है।
देश की चौथी और पांचवीं सबसे बड़ी आईटी सेवा फर्म- विप्रो लिमिटेड और टेक महिंद्रा लिमिटेड- ने जुलाई-सितंबर में क्रमशः बिक्री और सहायक कर्मचारियों और सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की संख्या में क्रमिक गिरावट दर्ज की। 2020 के अप्रैल-जून के बाद से किसी भी बड़ी आईटी फर्म में कर्मचारियों की संख्या में यह पहली क्रमिक गिरावट है। एलएंडटी टेक्नोलॉजी, साइएंट लिमिटेड और जेनसर लिमिटेड के कर्मचारियों की संख्या में भी कमी आई है।
वैश्विक बाजार में सुस्ती का असर
महामारी के बीच आईटी कंपनियों में नई भर्तियों की होड़ लग गई थी, क्योंकि ज्यादातर काम ऑनलाइन स्थानांतरित हो गया था। मिंट के एक विश्लेषण के अनुसार, जुलाई 2020 और सितंबर 2022 के बीच, 10 सबसे बड़ी आईटी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की संख्या का लगभग एक तिहाई या 50 लाख लोगों को जोड़ा। 30 सितंबर 2022 तक इन 10 आईटी कंपनियों के कर्मचारियों की संख्या 1.74 लाख थी।
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