लाहौर। पाकिस्तान की पंजाब सरकार (Punjab Government of Pakistan) धुंध की बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रांतीय राजधानी लाहौर (Lahore) में कोरोना महामारी जैसे प्रतिबंध (Corona epidemic like restrictions) लगा सकती है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में मंगलवार को यह जानकारी दी गई। जिओ न्यूज ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि अधिकारी बुधवार को पूरी तरह बंद की घोषणा कर सकते हैं, जब सभी स्कूल, बाजार और कारखाने बंद रहेंगे। शहर के आयुक्त ने कहा कि अधिकारी लाहौर संभाग में धुंध से निपटने के लिए दो महीने के लिए घर से काम करने की नीति की भी घोषणा करेंगे। बुधवार को बाजार बंद रखने के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए व्यापारियों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।
आयुक्त मुहम्मद अली रंधावा ने कहा, व्यापारी चाहें तो रविवार को बाजार खोल सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि नई नीति के तहत सरकारी विभाग बुधवार को 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ काम करेंगे। सप्ताहांत (शनिवार और रविवार) को स्नैप-चेकिंग की भी सलाह दी गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रशासन को कानून का उल्लंघन करने वाली फैक्ट्रियों पर भारी जुर्माना लगाने और निर्देशों की लगातार अनदेखी होने की स्थिति में उन्हें बंद करने की सलाह दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सप्ताह के पहले तीन दिनों (सोमवार से बुधवार) में धुंध का उच्चतम स्तर दर्ज किया गया।
इस बीच एक स्विस वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी आईक्यू एयर ने कहा कि लाहौर दुनिया के 109 शहरों में सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले पहले स्थान पर है। प्रांतीय राजधानी में सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 175 दर्ज किया गया। विभिन्न बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं का एक साथ निर्माण, यातायात के मुद्दे, उद्योगों के संचालन और अन्य कारकों को लाहौर में बड़े पैमाने पर प्रदूषण का कारण माना जाता है। आईक्यूएयर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले वायु कणों की सांद्रता के आधार पर वायु गुणवत्ता के स्तर को मापता है जिसे पीएम 2.5 के रूप में जाना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पीएम 2.5 की अधिकतम सांद्रता पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सिफारिश की है।
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