नई दिल्ली। कश्मीर (Kashmir) की समस्या सुलझने की जगह और भी उलझती जा रही है। पिछली सरकारों से तो हमें बिल्कुल उम्मीद नहीं थी लेकिन जिस भाजपा सरकार (BJP government) से उम्मीद थी उसने और भी निराशाजनक काम किए हैं। यह बातें प्रमुख एनआरआई संगठन (पीआईओसीसीआई) के वर्किंग प्रेसिडेंट सुशील पंडित (Working President Sushil Pandit) ने कही।
सुशील पंडित ने कहा कि हम दुनियाभर के एनआरआई से इस मंच से निवेदन कर रहे हैं कि अपनी संस्कृति और सभ्यता (culture and civilization) को बचाने के लिए एकजुट हों। सबसे पहले इसकी शुरुआत कश्मीर से करें। पीआईओसीसीआई यानी पीपल ऑफ इंडियन ओरिजिन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री इस समय दुनियाभर में बसे एनआरआई का सबसे बड़ा बिजनेस प्लेटफॉर्म है।
पंडित ने कहा कि टीवी इंटरव्यू में कश्मीरी पंडितों की हत्या का गुनाह कबूल करने वाले कई आतंकी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं। कानून की जद से बाहर हैं। यासीन मलिक, बिट्टा कराटे जैसे खूंखार आतंकी सरकार और देश के लिए नासूर बने हैं। सबसे शर्मनाक बात यह है कि आज तक इन पर एक भी हत्या का मुकदमा नहीं चला जबकि यह खुद खुलेआम कई बार हत्या करने की बात कबूल कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि हमने खुद कई बार कोर्ट में केस लगाए लेकिन केस चलना तो दूर केस फाइल तक नहीं हो पाए। पंडित ने कहा कि एक तरफ जिहाद ने कश्मीर में आतंक फैला रखा है। दूसरी तरफ सभी पार्टी के नेता उन जिहादियों को बचा रहे हैं। भाजपा की सरकार तो नौकरी देने से लेकर छात्रवृत्ति देने तक के हर वो काम कर रही है, जो उन्हें मजबूत बना रहे हैं।
सुशील पंडित ने कहा कि हाल ही में हुई हर हत्या में आतंकियों ने आधार कार्ड पर नाम देखकर कश्मीर में चुन-चुनकर लोगों को मारा। वह खुलेआम कह रहे हैं कि हम हिन्दुओं को मार रहे हैं और सेना के अधिकारी मीडिया में बयान दे रहे हैं कि वहां हो रही हत्याओं को धर्म की नजरों से नहीं देखना चाहिए। इससे बुरा समय और क्या हो सकता है कि जो हो रहा है उसे भी कोई नेता या अधिकारी कबूल नहीं कर सकता है।
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