इन्दौर। स्कूली शिक्षा में हमेशा टाप करने वाले छात्र आगे पढ़ाई का खर्च नहीं उठा पाने के चलते पढ़ाई रोकने के लिए विवश हंै। छात्रों द्वारा स्कॉलरशिप की मदद से आगे पढ़ाई की जा रही थी, लेकिन पोर्टल की गलती और बजट जारी न होने से कई छात्र या तो कर्जदार हो चुके हैं या लेनदारों के ब्याज के चलते आत्महत्या पर उतारू हैं। कलेक्टर कार्यालय में अपनी दास्तां सुनाने पहुंचे कन्नौद के सुरेंद्र ने कहा कि 2 साल से सिर्फ मेरी ही स्कॉलरशिप की राशि नहीं आई, बल्कि कई छात्र कर्ज लेकर फीस भर रहे हैं। मानसिक परेशानियों के कारण न पढ़ाई हो पा रही है और न ही मैं ब्याज का पैसा भर पा रहा हूं।
यह दास्तां उन सभी छात्रों की है, जो सरकार द्वारा मिलने वाली स्कॉलरशिप के भरोसे ही इंदौर शहर में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। स्कॉलरशिप पोर्टल की गलती और बजट देर से जारी होने के चलते इंदौर शहर में पढ़ने वाले कई छात्र जहां कर्जदार हो रहे हैं, वहीं लेनदारों के ब्याज भरने के तनाव के चलते आत्महत्या तक पर उतारू हो रहे हैं। प्रतिभाशाली होने के बावजूद उन्हें पढ़ने के लिए पैसों का इंतजाम करना भारी पड़ रहा है । इंदौर शहर तेजी से एजुकेशन हब बनता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के छात्र बड़े सपने लेकर अपने दम पर पढ़ाई करने शहर आ रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा दी जा रही स्कॉलरशिप की मदद में देरी होने के कारण मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं।
यह है पूरा मामला
छात्र सुरेंद्र कन्नौज एमबीए करने के लिए गरीब पिता को जैसे-तैसे मनाकर इंदौर तो पहुंचा, लेकिन अब सूदखोरों के जाल में फंसकर रह गया है। अनुसूचित जाति व जनजाति कल्याण विभाग से मिलने वाली स्कॉलरशिप 2 साल से नहीं मिली। अब चक्कर काट-काटकर उसका मनोबल टूट गया और वह आत्महत्या पर उतारू हुआ तो विभाग की अधिकारी सुप्रिया बिसेन ने उसे समझाइश देकर शासन को पत्र लिखकर जल्द से जल्द काम करने की बात कही। उन्होंने काउंसलिंग करते हुए उसका मनोबल बढ़ाया। छात्र ने बताया कि ब्याज पर पैसा लेने की बात उसने परिवार को भी नहीं बताई है। वह पार्ट टाइम नौकरी कर जैसे-तैसे ब्याज का पैसा भर रहा है। अधिकारी बिसेन ने बताया कि छात्र सुरेंद्र कन्नौज की कोर्स की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति प्रथम वर्ष 2023-24 एवं द्वितीय वर्ष 2024-25 उपरोक्त दोनों वर्षो की छात्रवृत्ति जिला कार्यालय से स्वीकृत की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष समाप्ति के बाद पोर्टल अपडेशन का कार्य चल रहा है, जिसके कारण कुछ छात्रों की छात्रवृत्ति अटक गई है। जल्द ही फंड आते ही जारी की जाएगी।
हजारों छात्र चपेट में
सरकार द्वारा चलाए जा रहे पोर्टल की टेक्निकल खामियों के कारण साल 2023- 24 की 2500 बच्चों की स्कॉलरशिप अटकी हुई है। वहीं वर्ष 2024 -25 का 41500 का भुगतान किया जाना है। ज्ञात हो कि भंवरकुआं, नौलखा और ऐसे क्षेत्र जहां भारी तादाद में छात्र ग्रामीण क्षेत्र से आकर निवास कर रहे हैं और पढ़ाई के लिए पार्ट टाइम नौकरी भी कर रहे हैं। वहां कई ऐसे ब्याज पर पैसा देने वाले सूदखोर का रैकेट भी संचालित है, जो इन छात्रों को मदद के नाम पर जाल में उलझा रहा है।
आदेश के बावजूद नहीं बैठा रहे परीक्षाओं में
सरकारी निर्देश के बावजूद सरकारी कॉलेज में ही छात्रों को फीस नहीं तो परीक्षा नहीं की तर्ज पर पढ़ाया जा रहा है। छात्रों ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि डीएवीवी में भी फीस नहीं भरने पर प्रैक्टिकल व परीक्षाओं से वंचित किया जा रहा है। फीस नहीं भर पाने के कारण छात्र ब्याज पर पैसा लेकर पढ़ाई चालू रखते हैं, लेकिन स्कॉलरशिप ज्यादा लेट हो जाने से ब्याज भी बढ़ जाता है और चिंता में वह पढ़ाई से दूर होकर नौकरी करने के साथ अन्य उलझन में उलझ जाते हैं।
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