नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने बजट से पहले ही सोने और चांदी के ऊपर बड़ा फैसला ले लिया है. वित्त मंत्रालय ने सोने और चांदी के ऊपर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है और इसको 12.50 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा कीमती मेटल्स के सिक्कों के ऊपर भी कस्टम ड्यूटी में इजाफा कर दिया है. सोने और चांदी से जुड़े छोटे कंपोनेंट्स और प्रीशियस मेटल कैटालिस्ट या कीमती मेटल्स के सिक्कों के ऊपर इंपोर्ट ड्यूटी में ये बदलाव देखा गया है.
कितनी बढ़ी है सोने-चांदी के इंपोर्ट पर ड्यूटी
सोने-चांदी के इंपोर्ट पर ड्यूटी अब बदलकर 15 फीसदी कर दी गई है जिसमें 10 फीसदी बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) होगी और 5 फीसदी एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (AIDC) शामिल हैं. हालांकि इस पर लगने वाले सोशल वैलफेयर सेस (SWS) में कोई इजाफा नहीं किया गया है.
गोल्ड, सिल्वर से जुड़े छोटे कंपोनेंट्स पर ड्यूटी में बदलाव
गोल्ड, सिल्वर से जुड़े छोटे कंपोनेंट जैसे कि हुक, क्लैस्प, क्लैम्प, पिन, कैच और स्क्रू के ऊपर ये इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ी है. ये छोटे कंपोनेंट खास तौर पर गहनों को पूरे या किसी खास हिस्से को होल्ड करने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
प्रीशियस मेटल्स कैटालिस्ट के ऊपर भी बढ़ी ड्यूटी
प्रीशियस मेटल्स कैटालिस्ट के ऊपर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को भी बढ़ाया गया है और इसे बढ़ाकर 14.35 फीसदी कर दिया गया है. इसमें 10 फीसदी की बेसिक कस्टम ड्यूटी और 4.35 फीसदी की AIDC लगेगी. इस पर सोशल वैलफेयर सेस लगेगा.
कब से लागू हैं नई इंपोर्ट ड्यूटी
इंपोर्ट ड्यूटी की नई दरें 22 जनवरी यानी कल सोमवार से लागू हो चुकी हैं. देश का बजट आने में अब 8 दिन बाकी हैं और ये 1 फरवरी 2024 को पेश होगा. वित्त मंत्रालय ने बजट में इसकी घोषणा करने की बजाए इसे 22 जनवरी से ही लागू कर दिया है.
सरकार ने क्यों लिया फैसला
केंद्र सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि सोने-चांदी के रॉ इंपोर्ट और गोल्ड-सिल्वर के कंपोनेंट्स पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी में संतुलन नहीं था और इसका इस्तेमाल सही से नहीं हो पा रहा था. अब इस इंपोर्ट ड्यूटी में संतुलन बनाने के लिए ये निर्णय वित्त मंत्रालय की ओर से लिया गया है.
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