भोपाल। प्रदेश के भोपाल एवं इंदौर शहर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का फैसला पंचायत चुनाव की वजह से फिलहाल टल सकता है। क्योंकि सरकार को नई पुलिस प्रणाली लागू करने से पहले अब राज्य निर्वाचन आयोग की मंजूरी लेनी होगी, क्योंकि दोनों शहरों में कुछ थाना क्षेत्रों में पंचायत भी आ रहीं हैं। ऐसे में अब पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लेकर सरकार गफलत में पड़ गई है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव का ऐलान ऐसे समय में किया है, जब कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार खतरे से निपटने की तैयारी में जुट गई है। कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए इसी महीने 17 दिसंबर से होने वाली आईएएस मीट को भी स्थगित कर दिया है। कोरोना संकट के बीच पंचायत चुनाव कराने के फैसले पर निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने कहा कि प्रदेश में केस ज्यादा नहीं हैं। चुनाव बहुत देरी से हो चुके हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव कराना आयोग की मजबूरी हैं। सिंह ने कहा कि आईएएस मीट को स्थगित कोरोना की वजह से नहीं किया गया है, इसकी दूसरी वजह हो सकती है। बीपी सिंह के बयान के बाद प्रशासनिक महकमे में यह चर्चा का विषय है कि क्या पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के फैसले से नाराज होकर आईएएस एसोसिएशन ने मीट स्थगित की है।
ड्राफ्ट तैयार फैसला कभी भी
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद गृह मंत्रालय ने पुलिस कमिश्नर प्रणाली का ड्राफ्ट फायनल कर लिया है। सरकार जब चाहे तब यह प्रणाली लागू कर सकती है, लेकिन प्रशासनिक हलकों में यह चर्चा है कि अब फिलहाल यह फैसला लंबा टल सकता है।
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