लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ (capital Lucknow) में होटल लिवाना सुइट्स में अग्निकांड (fire incident) के बाद सरकार एक्शन मोड (government action mode) में देखी जा रही है. इसके साथ ही जांच में चौंकाने वाली बातें भी सामने आ रही हैं. अब पता चला है कि हजरतगंज में 6400 वर्ग मीटर एरिया में होटल लेवाना बनाया गया है. इसके निर्माण से पहले मालिकों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) में शपथ पत्र देकर कहा था कि इस भूखंड पर आवासीय निर्माण होगा. यानी कोई कॉमर्शियल यूज नहीं किया जाएगा. लेकिन मालिकों ने रेजीडेंशियल यूज का शपथ पत्र देकर होटल लेवाना (Hotel Livana) खड़ा कर दिया.
होटल मालिकों को सबसे पहले LDA की तरफ से 7 मई 2022 को नोटिस दिया गया था. लेवाना (Levana) के मालिकों की तरफ से एलडीए को फायर की NOC देकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई. एलडीए को दी गई फायर की ये एनओसी 2021 से 2024 रिन्युअल की गई थी. एलडीए में होटल का कोई नक्शा जमा नहीं किया गया था.
लगातार नोटिस… ना मालिक पहुंचे, ना दस्तावेज
28 अगस्त को एलडीए ने होटल मालिकों को नक्शा जमा करने और अन्य सरकारी विभागों से जुड़े दस्तावेजों को पेश करने के लिए चौथा नोटिस जारी किया और अगले दिन 29 अगस्त को तलब किया था. बीती 29 अगस्त को होटल मालिकों की तरफ से एलडीए में ना तो खुद कोई पहुंचा और ना ही कोई दस्तावेज जमा कराए गए.
अब सीलिंग की कार्रवाई के आदेश
5 सितंबर को होटल में आग लगने की घटना सामने आई तो एलडीए ने 18 अगस्त को दर्ज किए अपने केस में होटल को सील करने और होटल पर लाल रंग से सीलिंग की कार्रवाई लिखने का आदेश जारी कर दिया और एलडीए ने कार्रवाई के अनुपालन की रिपोर्ट 9 सितंबर को मांगी है.
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