नई दिल्ली । सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को समय पर हासिल करने का दबाव झेल रहे सरकार के अधिकांश अधिकारी तनाव में रहते हैं। इसको देखते हुए सरकार ने सभी विभागों में योग ब्रेक प्रोटोकॉल (yoga break protocol) लागू कर दिए हैं। इससे अधिकारी और कर्मचारी काम के बीच में योग आसन कर अपना तनाव दूर कर सकेंगे। सरकार का मानना है कि योग ब्रेक से अधिकारी तनाव मुक्त (stress free) होकर तरोताजा हो जाएंगे। इससे उत्पादकता बढ़ेगी।
आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) की ओर से मिले पत्र के बाद सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने दो नंबर को एनएचएआई, एनएचआईडीसीएल सहित मंत्रालय के सभी अधिकारियों को कार्यालय ज्ञापन जारी कर दिया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आयुष मंत्रालय ने गत वर्ष पायलेट प्रोजेक्ट के तौर शुरू किया था। इसमें पांच मिनट के प्रोटोकॉल का उद्देश्य ऑफिस में कर्मियों को योग से परिचय करवाना था। इसका मकसद काम के बोझ तले दबे अधिकारियों व कर्मचारियों को योग के जरिए उनका तनाव कम करना और तरोजाता बनाना है।
बदलती कार्य शैली और लगतार कंप्यूटर पर काम करने के कारण अधिकांश स्थानों-ऑफिस में लोग तनाव अनुभव करते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप न सिर्फ उनके काम करने की क्षमता प्रभावित होती है बल्कि उत्पादकता कम हो जाती है। इसको ध्यान मे रखते हुए आयुष मंत्रालय ने जाने माने योग विशेषज्ञों के साथ मिलकर 2019 में पांच मिनट का योग ब्रेक प्रोटोकॉल विकसित किया था। जिसका मकसद ऑफिस में कर्मचारियों के मन मस्तिष्क को तरोताजा करना और काम पर फिर से ध्यान केंद्रित करने योग्य बनाना है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved