गाजियाबाद: प्रदेश सरकार स्वास्थ्य को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं कर रही है. यही वजह है कि सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली दवाओं की जांच लगातार की जा रही है और सैंपल फेल होने पर तत्काल रोक लगाई जा रही है. स्वास्थ्य विभाग की इसकी सूचना तुरंत शासन को भेज रहा है. तय मानक के अनुसार दवा सप्लाई नहीं करने वालों पर कार्रवाई भी की जा सकती है.
गाजियाबाद जिले के प्रमुख सरकारी अस्पताल एमएमजी अस्पताल में खून पतला करने वाली दवा क्लोपिडोग्रेल बाइसल्फेट 75 एमजी दवा का सैंपल जांच में फेल पायी गयी है. फिलहाल दवा के वितरण पर रोक लगा दी गई है. ठंड बढ़ने के साथ ही अस्पताल में खून गाढ़ा होने और दिल केरोगियों की संख्या बढ़ने लगी है. ऐसे में अस्पताल में सप्लाई की जा रही खून को गाढ़ा करने से रोकने वाली या स्ट्रोक की संभावनाओं की कम करने वाली दवा का सैंपल फेल पाया गया है.
खाद्य और औषधि विभाग ने क्लोपिडोग्रेल बाईसल्फेट 75 एमजी दवा का सैंपल एमएमजी अस्पताल से लिया गया था. जांच के लिए लैब भेजा गया है, जो मानक अनुरूप नहीं पाया गया है. जिसका बैच नंबर सीपीडीटी 21002 मैन्युफैक्चरिंग अगस्त 2021 की थी और दवा की एक्सपायरी जुलाई 2023 में है.
सीएमएस डॉ. मनोज चतुर्वेदी ने बताया कि तीन हजार टेबलेट की सप्लाई उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन से आई थीं, जिसमें से 1800 टेबलेट बची हैं. इसका वितरण रोक दिया गया और सीएमओ सहित शासन को इसकी सूचना भेज दी गई है. गाजियाबाद जिला के सीएमओ डाॅ. भवतोष शंखधार ने बताया कि शासन से रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. अभी दवा को अस्पताल से हटा दिया गया है.
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