नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine war) के बीच घरेलू मांग (Domestic demand) और बढ़ती महंगाई (rising inflation) को लेकर गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद चालू रबी विपणन वर्ष 2022-23 में पिछले साल के मुकाबले अबतक गेहूं की खरीद (purchase of wheat) कम हुई है। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 37,192.07 करोड़ रुपये का 184.58 लाख टन गेहूं खरीदा है। इससे 17.50 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं। खाद्य मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी।
खाद्य मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य खरीद एजेंसियों द्वारा अबतक की गई कुल गेहूं की खरीद एक साल पहले की अवधि की तुलना में बहुत कम है। पिछले विपणन वर्ष में अबतक 433.44 लाख टन गेहूं की सर्वाधिक खरीद की गई थी। बता दें कि रबी विपणन वर्ष अप्रैल से मार्च तक चलता है, लेकिन अधिकांश खरीद जून तक समाप्त हो जाती है।
मंत्रालय के मुताबिक चालू रबी विपणन वर्ष में 29 मई तक पंजाब में 96.16 लाख टन, मध्य प्रदेश में 44.45 लाख टन, हरियाणा में 40.97 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 2.84 लाख टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। इसी अवधि के दौरान बिहार में करीब 3,343 टन, चंडीगढ़ में 3,221 टन, उत्तराखंड में 1,982 टन और राजस्थान में 1,685 टन गेहूं की खरीद हुई है।
उल्लेखनीय है कि गेहूं के उत्पादन में गिरावट और निर्यात में वृद्धि के कारण गेहूं की एमएसपी पर खरीद लक्ष्य को मौजूदा रबी विपणन वर्ष के लिए संशोधित करते हुए घटाकर 195 लाख टन कर दिया गया है, जबकि पहले 444 लाख टन लक्ष्य था। (एजेंसी, हि.स.)
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