नई दिल्ली। सरकार नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) यानी बैड बैंक की ओर से बैंकों को जारी होने वाली सिक्योरिटी रिसीट को गांरटी देगी, जो कि 30,600 करोड़ रुपये की होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को यहां आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में इसका ऐलान किया।
वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। सीतारमण ने कहा कि प्रस्तावित बैड बैंक कर्ज के लिए सहमत मूल्य का 15 फीसदी नकद भुगतान करेगा, जबकि शेष 85 फीसदी सरकार द्वारा गारंटीकृत प्राप्त प्रतिभूति रसीद के रूप में होगी। यदि तय मूल्य के मुकाबले नुकसान होता है, तो सरकारी गारंटी को भुनाया जाएगा।
निर्मला सीतारमण ने इस फैसले के बारे में कहा कि बैंकों ने पिछले छह वर्षों में 5.01 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की वसूली की है। इसमें से मार्च 2018 से अब तक 3.1 लाख करोड़ रुपये की वसूली हुई है। वित्त मंत्री सीमारमण ने इस साल के आम बजट में बैड बैंक की स्थापना को लेकर घोषणा की थी।
आईबीए को सौंपा गया है ‘बैड बैंक’ की स्थापना का काम
उल्लेखनीय है कि भारतीय बैंक संघ (आईबीए) को ‘बैड बैंक’ स्थापित करने का काम सौंपा गया है। प्रस्तावित बैड बैंक यानी एनएआरसीएल लोन के लिए सहमत मूल्य का 15 फीसदी नकद में भुगतान करेगा और बाकी 85 फीसदी सरकार की गारंटी वाली सिक्योरिटी रिसीट्स में होगा। आईबीए ने पिछले महीने एनएआरसीएल की स्थापना के लिए लाइसेंस हासिल करने के उद्देश्य से आरबीआई के पास आवेदन दिया था। (एजेंसी, हि.स.)
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