नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले हुए है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट ने पीएलआई स्कीम को मंजूरी दे दी है। इस स्कीम के तहत सरकार 5 साल में 2 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। देश के कुल 10 सेक्टर्स की कंपनियों को इससे फायदा होगा। ऑटो और ऑटो कंपोनेंट बनाने वाली कंपनियों को सबसे ज्यादा इंसेंटिव देने की तैयारी है। आपको बता दें कि देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड प्रमोशन स्कीम का ऐलान किया है। इस स्कीम के तहत जो भी इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री अपना प्रोडक्शन बढ़ाएगी उसे इंसेंटिव दिया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि इलेक्ट्रिव व्हीकल में लगने वाली बैटरियों को बनाने वाली कंपनियों को भी बड़ा इंसेंटिव देने की तैयारी है। इन कंपनियों को 18 हजार करोड़ रुपये का इंसेंटिव मिल सकता है। कौन-कौन से सेक्टर की कंपनियों को मिलेगा इंसेंटिव- ऑटो, ऑटो कंपोनेंट बनाने वाली कंपनियां, फार्मा, फूड प्रोडक्ट, व्हाइट गुड्स, एडवांस सेल बैटरी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को इंसेंटिव मिल सकता है।
सेल बैट्री 18,100 करोड़ रुपये का इंसेंटिव मिलेगा
ऑटो और ऑटो कंपोनेंट बनाने वाली कंपनियों को 57 हजार करोड़ रुपये
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इन फैसलों से देश में नए कंपनियां अपनी यूनिट लगाएंगे। लिहाजा, एक्सपोर्ट बढ़ेगा और ज्यादा लोगों को नौकरियां मिलेंगी। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने इस साल अगस्त में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के विकास के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड प्रमोशन स्कीम का ऐलान किया। इस स्कीम के तहत जो भी इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री अपना प्रोडक्शन बढ़ाएगी उसे इंसेंटिव दिया जाएगा।
इससे पहले सरकार ने कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग स्कीम का ऐलान किया। इस स्कीम के तहत सरकार स्पेयरपाट्स जैसे सेमिकंडक्टर और इलेक्ट्रानिक उत्पादों में लगने वाले पुर्जे बनाने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन देने का ऐलान किया गया।
साल 2014 में देश का इलेक्ट्रॉनिक मेनुफेचरिंग प्रोडक्ट 1.9 लाख करोड़ रुपये था जो कि 2018-19 में बढ़कर 4.58 लाख करोड़ रुपये हो गया। दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक मेनुफेचरिंग में भारत क हिस्सेदारी 1.3 फीसदी 2012 में थी जो 2018 में 3 फीसदी हो चुका है। उन्होंने बताया कि हमारी क्वालिटी में काफी सुधार हुआ है।
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