75 अमृत सरोवरों का निर्माण इंदौर जिले में, संबल योजना की राशि मजदूरों के खातों में करवाई जमा
इंदौर। त्रिस्तरीय पंचायत (three tier panchayat) और राज्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में जहां शासन ने वृद्धि कर दी, वहीं कल सम्बल योजना के तहत इंदौर (Indore) सहित प्रदेशभर के 26 हजार मजदूरों के खातों में 583 करोड़ की राशि हस्तांतरित की गई है। वहीं निर्विरोध चुनी गई 705 पंचायतों को 55 करोड़ रुपए दिए गए हैं। मनरेगा में इस बार 99 फीसदी से अधिक मजूरी के भुगतान का दावा भी शासन ने किया और इंदौर जिले में भी 75 अमृत सरोवर निर्माण कराए जा रहे हैं।
संबल योजना की शुरूआत वर्ष 2018 में हुई थी। 16 मई 2022 को मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल 2.0) लागू की गई। गरीब श्रमिकों को रोटी, कपड़ा और मकान के अलावा संकट की स्थिति में आर्थिक सहायता मिले, इस उद्देश्य से योजना प्रारंभ की गई थी। परिवार में किसी के बीमार होने, प्रसूति, दिव्यांगता और असामयिक मृत्यु पर परिवार को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता था। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पंचायत प्रतिनिधियों से संवाद में कहा कि महात्मा गांधी नरेगा (मनरेगा) और अन्य योजनाओं के संबंध में पंचायत एंव ग्रामीण विकास विभाग का विस्तृत प्रस्तुतिकरण मार्गदर्शी सिद्ध होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में सभी जनप्रतिनिधियों का विशेष सहयोग आवश्यक है। राज्य सरकार ने पंचायत पदाधिकारियों के हितों की चिंता की है। मानदेय वृद्धि का निर्णय लिया गया है। हाल ही में रोजगार सहायकों का मानदेय 9 हजार से बढ़ाकर 18 हजार रूपए किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान संचालित कर पुराने कार्यों को पूर्ण किया जाए। नए कार्यों के क्रियान्वयन के साथ अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करना आवश्यक है। शीघ्र ही वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पुन: संवाद का सत्र होगा।
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