मक्सी। जमीन और पानी की कमी समेत और अन्य मूलभूत सुविधाओं से जूझते मक्सी के औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक अच्छी खबर है। मक्सी इंडस्ट्रीयल एरिए के विस्तार के लिए राज्य शासन से मक्सी फेस 2 के लिए मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को उज्जैन जिले के तराना तहसील के ग्राम बरंडवा में 55.86 हेक्टेयर यानी 265 बीघा जमीन अलॉट कर दी है। जिस पर 6 माह पहले सड़क निर्माण का काम भी एमपीआईडीसी के अंतर्गत आरआर कंस्ट्रक्शन द्वारा शुरू कर दिया गया है, जहां निर्माण कंपनी द्वारा 18 महीने में लाइट, 18 फिट चौड़ी सड़कें, नाली, सीवरेज लाइन, वाटर लाइन आदि डेवलपमेंट जैसे कार्य पूर्ण कर के देगा।
मक्सी औद्योगिक क्षेत्र में 101 फैक्ट्रियों को अलॉट किए गए प्लॉट
मक्सी इंडस्ट्रीयल एरिया में एमपीआईडीसी के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 89.189 हेक्टर जमीन पर 101 फैक्ट्री संचालकों को प्लॉट अलॉट किए गए थे जिसमें से 69 उद्योगों में प्रोडक्शन का काम चल रहा है। एमपीआईडीसी के इस दावे की हकीकत पता करने के लिए अग्रिबाण ने अपने स्तर पर पड़ताल की तो हकीकत कुछ और निकली। यहाँ सिर्फ 30 प्लांट चालू हालत में मिले, वहीं 71 प्लांट में से कई फैक्ट्रियां बंद मिली। कई जगहों पर अधूरा कंस्ट्रक्शन मिला तो कहीं प्लॉट के प्लॉट खाली मिले।
बैंक सब्सिडी लेने के लिए रचा जाता है पूरा खेल
मक्सी औद्योगिक क्षेत्र मे बंद पड़े प्लांटों की जानकारी जुटाई गई तो चौकाने वाले खुलासे हुए। नई फैक्टरी शुरू करने के लिए कई छोटे उद्योगपति एमपीआईडीसी के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर हजारों स्क्वेयर फीट के प्लॉट अलॉट करवाकर बैंक लोन में सब्सिडी हड़पने के लिए दिखावे के लिए प्लांट शुरू कर देते हैं और बैंक सब्सिडी मिलते ही कुछ ही महीनों में प्रोडक्शन बंद कर देते है। ऐसे प्लांटों पर बैंक के लोन से लेकर एमपीईबी के विद्युत बिल का लाखों रुपया बकाया हो जाता है। जब तक बैंक की बकाया राशि का सेटलमेंट ना हों तब तक एमपीआईडीसी के अधिकारी भी प्लांट की जमीन का अधिग्रहण नहीं कर पाते।
एक महीने में मक्सी औद्योगिक क्षेत्र को मिलने लगेगा नर्मदा का पानी
42 साल पहले सन 1982 में पीथमपुर के साथ शुरू किए गए मक्सी औद्योगिक क्षेत्र में जमीन की कमी और पानी की समस्या के चलते विगत 10 वर्षों से कोई बड़ा उद्योग मक्सी में नहीं लग पाया है। पिछले कई वर्षों में छोटे उद्योगपतियों ने उद्योग लगाने के लिए हजारों स्क्वायर फीट की जमीन एमपीआईडीसी से अलॉट तो करवा ली लेकिन कोई प्लांट शुरू नहीं हो सके। इन छोटे-छोटे प्लाटों की जमीन की लीज की वजह से बड़ी फैक्ट्री लगाने वाले उद्योगपतियों को मक्सी औद्योगिक क्षेत्र में मनमुताबिक जमीन नहीं मिल पाती, इसी कारण से मक्सी इंडस्ट्रीयल एरिया में सालों से कोई बड़ा प्लांट नहीं लग सका। कई छोटे प्लांट तो पानी की कमी से जूझते हुए या तो बंद हो गए या उनका प्रोडक्शन आधा रह गया। एमपीआईडीसी के इंजीनियर राम किशोर नाडियोड के अनुसार एक महीने में मक्सी ओद्योगिक क्षेत्र को नर्मदा का पानी मिलना शुरू हो जाएगा जिससे मक्सी फेस 1 और फेस 2 में बड़े उद्योग लगने की संभावना है।
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