नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि सरकार राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों के निजीकरण और बैंकिंग क्षेत्र (Privatization and Banking Sector) में सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आईपीओ से पता चलता है कि सरकार विनिवेश प्रक्रिया (disinvestment process) को आगे बढ़ा रही है. अश्वमेघ – एलारा इंडिया डायलॉग 2022 को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने यह बातें कही.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार बैंकिंग सेक्टर में सुधार करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 2021-22 के बजट में 2 सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी का निजीकरण करने का प्रस्ताव रखा था. सरकार का लक्ष्य केंद्रीय बैंक के साथ मिलकर अगले 25 सालों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है.
भारतीय जीवन बीमा निगम की लिस्टिंग का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि एलआईसी में रणनीतिक विनिवेश किया गया है. इसी तरह हम बैंकिंग क्षेत्र में सुधारों को लागू करने के लिए आगे बढ़ेंगे. इसके लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है और इसका जिक्र बजट में भी किया गया है.
निर्मला सीतारमण ने सॉवरेन बॉन्ड को ग्लोबल सूचकांकों (Global Indices) में शामिल होने से सरकार द्वारा रोकने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. वित्त मंत्री ने कहा कि 2020 के बजट में इसका ऐलान किया गया था. उसके बाद से वैश्विक स्थितियों में बहुत बदलाव आया है. इसमें कोरोना महामारी और दूसरी चीजों का हाथ है. फ्लो उतना ज्यादा नहीं रहा है, जितना हम चाहते थे. वित्त मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब यह माना जा रहा था कि इंडियन गवर्नमेंट के बॉन्ड्स (सॉवरेन बॉन्ड्स) इस महीने की शुरुआत में JP Morgan के Government Bond Index (Emerging Markets) का हिस्सा बन सकते हैं.
ग्लोबल बॉन्ड सूचकांकों में भारतीय बॉन्ड के शामिल होने से सॉवरेन बॉन्ड्स में अरबों डॉलर के निवेश का रास्ता खुल सकता है. इंडिया में बॉन्ड्स में विदेशी निवेश की सीमा तय है. विदेशी इनवेस्टर्स कुल जारी किए गए बॉन्ड्स के एक निश्चित फीसदी तक ही इसमें निवेश कर सकते हैं.
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