नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार (Central government) ने दाल की बढ़ती कीमतों (Rising prices of pulses.) पर नियंत्रण पाने के लिए सख्त कदम उठाया है। अरहर (तुअर) दाल (Arhar (Tuar) dal) पर लागू आयात शुल्क छूट को मार्च 2025 तक बढ़ा (Import duty exemption applicable extended till March 2025) दिया है। इस आदेश के बाद 31 मार्च, 2025 तक इन दोनों दालों के आयात पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से गुरुवार को जारी एक अधिसूचना के मुताबिक अरहर और उड़द दाल पर दी गई छूट को 31 मार्च, 2025 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। डीजीएफटी की ओर से जारी यह आदेश मसूर दाल के आयात शुल्क छूट को एक साल मार्च 2025 तक बढ़ाने के बाद आया है।
इससे पहले सरकार ने 31 मार्च, 2023 तक इन दालों के आयात शुल्क में छूट की अनुमति दी थी। मसूर दाल के आयात पर भी यह छूट 31 मार्च,, 2024 तक ही थी, जिसे हाल ही में 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाया गया है। हालांकि, सरकार ने तीन कच्चे खाद्य तेलों–पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी ऑयल पर मौजूदा आयात शुल्क के स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं किया है।
अब आयातक बिना किसी मात्रात्मक प्रतिबंध के कितनी भी मात्रा में उड़द और तुअर का आयात कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार का लक्ष्य घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देना और कीमतों को नियंत्रण में रखना है। सरकार आटा, दाल और उसके बाद चावल की कीमतों को लगातार कम करने का प्रयास कर रही है। दाल की कीमतों से सरकार और आम लोग अभी भी परेशान है। दालों का उत्पादन कम होने से कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है।
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