– वित्त मंत्रालय ने कहा-केवल मसूर दाल पर आयात शुल्क में छूट की वैधता 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाई गई
नई दिल्ली (New Delhi)। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार (Central government) ने सिर्फ मसूर दाल (only lentils) पर आयात शुल्क छूट (Import duty exemption) की वैधता अवधि 31 मार्च, 2025 तक एक वर्ष के लिए बढ़ाई है, जबकि मीडिया के कुछ वर्गों ने गलती से पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों के लिए कम आयात शुल्क भी 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाने की खबर चलाई है।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक्स पोस्ट पर जारी बयान में कहा कि यह देखने में आया है कि मीडिया के कुछ वर्गों ने गलती से ये रिपोर्ट कर दी है कि सरकार ने पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों के लिए कम आयात शुल्क 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया है। मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि सरकार ने राजपत्र अधिसूचना संख्या 65/2023-सीमा शुल्क, दिनांक 21 दिसंबर, 2023 के माध्यम से केवल मसूर दाल पर आयात शुल्क छूट की वैधता अवधि को 31 मार्च, 2025 तक एक वर्ष के लिए बढ़ाया है।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय की ओर से 21 दिसंबर को जारी अधिसूचना के अनुसार सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से मसूर दाल की आपूर्ति सुनिश्चित करने और घरेलू कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए मसूर दाल (मसूर) पर वर्तमान प्रभावी शून्य आयात शुल्क की समय-सीमा को 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया था। हालांकि, सरकार ने तीन कच्चे खाद्य तेलों पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर मौजूदा आयात शुल्क संरचना को नहीं बढ़ाया था। मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार मसूर पर शून्य आयात शुल्क के साथ-साथ 10 फीसदी कृषि-बुनियादी ढांचा उपकर की छूट मार्च, 2025 तक बढ़ा दी गई थी।
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