नई दिल्ली। केंद्र सरकार विषय विशेषज्ञ समिति ( Subject Expert Committee) पैनल ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कोविशील्ड (Covishield) की तीसरी खुराक (Booster Dose) को मंजूरी देने का अनुरोध किया गया था। सीरम इंस्टीट्यूट ने दिसंबर महीने की शुरुआत में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास आवेदन दिया था, जिस पर सब्जेक्ट एक्स्पर्ट कमेटी ने विचार किया और अब एसआईआई (SII) के आवेदन को रद्द कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि एक्सपर्ट ने सीरम इंस्टीट्यूट से वैक्सीन के तीसरी खुराक की आवश्यकता पर और डेटा मांगा है।
सीरम इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन (Corona Vaccine) का पर्याप्त स्टॉक और कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए कोविशील्ड की तीसरी खुराक को मंजूरी देने के लिए डीजीसाई से अनुरोध किया था। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह आवेदन में कहा था कि भारत में कोविशील्ड की कोई कमी नहीं है और नये स्वरूपों के सामने आने के मद्देनजर बूस्टर खुराक की मांग उन लोगों के लिए है जो पहले से ही दो खुराक ले चुके हैं। उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन के औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी ने पहले ही एस्ट्राजेनेका सीएचएडीओएक्स1 एनसीओवी-19 टीके के बूस्टर खुराक को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन के औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी ने पहले ही एस्ट्राजेनेका सीएचएडीओएक्स1 एनसीओवी-19 टीके के बूस्टर खुराक को मंजूरी दे दी है। एक सूत्र ने कहा, ‘‘सीडीएससीओ में कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने एसआईआई के आवेदन की समीक्षा की और विस्तृत विचार-विमर्श के बाद सिफारिश की कि पुणे स्थित कंपनी को स्थानीय क्लीनिकल ट्रायल डेटा और प्रस्ताव को बूस्टर खुराक आवेदन को औचित्य के साथ प्रस्तुत करना चाहिए। आवेदन में इस बात पर भी जोर दिया गया था कि जिस तरह से कोविड के नए वेरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं वैसे कई देशों ने कोविड-19 टीकों की बूस्टर खुराक देना शुरू कर दिया है।
आज की मीटिंग में विषय विशेषज्ञ समिति ने फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई द्वारा किए गए उस अनुरोध को भी नामंजूर कर दिया गया जिसमें कोविशील्ड या कोवैक्सीन की खुराक ले चुके लोगों को कॉर्बेवैक्स की अतिरिक्त खुराक देने की बात कही गई थी। हैदराबाद स्थित कंपनी ने अक्टूबर में एक बयान जारी कर कहा था कि कई अध्ययनों यह सामने आया है कि टीकाकरण वाले व्यक्तियों में भी एंटीबॉडी में गिरावट आ सकती है और कई देशों ने पहले ही बूस्टर खुराक देना शुरू कर दिया है या कर रहे हैं।
बता दें कि Corbevax, कोरोनावायरस के खिलाफ तीसरा मेड-इन-इंडिया वैक्सीन है। दुनिया भर के कई देशो में वैक्सीन की अतिरिक्त खुराद दी जा रही है लेकिन भारत मे अभी तक बूस्टर डोज पर कोई नीति नहीं बन पाई है। हाल ही में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए विभाग से संबंधित स्थायी समिति की बैठक में, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के प्रमुख डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि दूसरी खुराक लेने के नौ महीने से पहले अतिरिक्त खुराक नहीं लेनी चाहिए।
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