भोपाल। राज्य की प्रशासनिक मशीनरी उम्रदराज अधिकारियोंं और कर्मचारियों के सहारे चल रही है। उम्रदराज अधिकारियोंं और कर्मचारियों के कारण योजनाओं का क्रियान्वयन समय पर नहीं हो पा रहा है। जिसके आम जन को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उधर सरकार खाली पदों पर नई भर्ती नहीं कर रही है। प्रदेश के सरकारी विभागों में प्रथम श्रेणी संवर्ग के करीब 3 हजार पद खाली हैं। यह हैरानी की बात है कि युवाओं के इस प्रदेश में स्थिति यह है कि 44 विभागों में तो 30 साल तक की आयु का एक भी अधिकारी नहीं है, जबकि 9 विभागों में मात्र 115 ही अधिकारी कार्यरत हैं। वैसे सरकारी सेवाओं में महिलाओं का प्रतिशत पहले से बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया है, जबकि पिछले साल इनका प्रतिशत 18 था।
विभागों में वर्षों से भर्तियां नहीं
प्रदेश में सरकारी विभागों में वर्षों से भर्तियां नहीं होने के कारण प्रथम श्रेणी के करीब 3 हजार पद खाली हैं। सभी 57 विभागों में करीब 11 हजार पद स्वीकृत हैं, जिसके एवज में 7,732 ही अधिकारी कार्यरत हैं। उधर सभी संवर्गों में सबसे अधिकारी कर्मचारी स्कूल शिक्षा विभाग में 2 लाख 4 हजार 288 कर्मचारी कार्यरत हैं, जो कि अन्य विभागों का 35 प्रतिशत है। विभागों में शासकीय नियमित अधिकारियों तथा कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है, लेकिन निगम-मंडलों में इनकी संख्या 60 हजार से घटकर 45 हजार रह गई है। यानि महिलाओं को भी 30 प्रतिशत आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।
डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी उम्रदराज
सरकारी विभागों में 51 से 55 साल के बीच की आयु के 88 हजार 610 और 55 से 60 साल आयु के 75 हजार 353 अधिकारी कर्मचारी कार्यरत है। यानी इनकी संख्या एक लाख 63 हजार 963 है, जबकि 60 साल से अधिक आयु के अधिकारियों, कर्मचारियों की संख्या 24 हजार 86 है। 18 से 30 साल तक की आयु वर्ग के प्रथम श्रेणी के अधिकारी जिन विभागों में कार्यरत हैं, उनमें कृषि कल्याण में एक, वन विभाग में 19, तकनीकी शिक्षा में 82, स्वास्थ्य विभाग में 3, चिकित्सा शिक्षा में 2, महिला एवं बाल विकास में एक, जीएडी में एक, गृह विभाग में 4 तथा राजस्व विभाग में 12 ही अधिकारी पदस्थ हैं। प्रदेश में अब सरकारी विभागों में भर्तियां करने की मांग उठने लगी है। सपाक्स के अध्यक्ष जेएस तोमर का कहना है कि भर्तियां करने की मांग कर रहे हैं। सरकारी विभागों में भर्तियां करने की मांग लगातार कर रहे हैं। केवल 5 प्रतिशत पदों पर ही भर्तियां हो रही हैं। इससे अधिकारियों के पद खाली हैं। पीएससी की भर्ती में भी ओबीसी आरक्षण का विवाद है। वहीं सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस विनोद कुमार का कहना है कि प्रथम श्रेणी के पद सीधी भर्ती से नहीं भरे जाते हैं। ये पद प्रमोशन से भरे जाते हैं। प्रमोशन का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने की वजह से करीब छह साल से प्रमोशन नहीं हुए हैं। प्रमोशन देने के लिए मंत्री समूह ने ड्राफ्ट तैयार किया है। इस पर मुख्यमंत्री की सहमति मिलते ही लागू किया जाएगा।
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