नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच जारी मौजूदा तनाव को लेकर विदेश मंत्रालय के बयान पर सवाल उठाया है। उन्होंने दावा किया कि गुरुवार को जारी बयान में कहीं भी 5 मई से पहले की स्थिति को बहाल करने की बात नहीं कही गई है। चिदंबरम ने कहा कि बयान एक तरह से सरकार का कबूलनामा है कि चीन ने क्षेत्र में मई से पहले की स्थिति को बदल दिया है।
चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘विदेश मंत्रालय का कल (गुरुवार) रात का बयान भारत के “पूरी तरह से खाली कराने और डी-एस्केलेशन और सीमा क्षेत्रों में पूर्ण शांति बहाली’ के रूप में भारत की उम्मीद की बात करता है। अब तक संतोषजनक है, लेकिन भारत की 5 मई 2020 तक की ‘यथास्थिति की बहाली’ की मांग पर बयान में चुप्पी क्यों है?’
विदेश मंत्रालय का कल रात का बयान भारत के "पूरी तरह से खाली कराने और डी-एस्केलेशन और सीमा क्षेत्रों में पूर्ण शांति बहाली" के रूप में भारत की उम्मीद की बात करता है। अब तक संतोषजनक है।
लेकिन भारत की 5 मई 2020 तक की''यथास्थिति की बहाली'' की मांग पर बयान में चुप्पी क्यों है?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 24, 2020
अगले ट्वीट में चिदंबरम ने पीएम मोदी के उस दावे पर सवाल उठाया कि किसी ने भी भारतीय सीमा में घुसपैठ नहीं किया है और न कोई भारतीय क्षेत्र में है। उन्होंने लिखा, ‘यह बयान एक और उदाहरण है कि चीन ने 5 मई तक प्रचलित यथास्थिति को बदल दिया है। यह इस दावे के लिए एक और झिड़की है कि ‘किसी ने भारत में घुसपैठ नहीं की है और कोई भी भारतीय क्षेत्र में नहीं है।’
एक दिन पहले गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने अपने बयान में कहा कि भारत चाहता है कि चीनी पक्ष कंपलीट डिसइंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन के काम को पूरी ईमानदारी से करे और सीमाई इलाकों में शांति की पूर्ण बहाली करे। बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून की रात को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए हिंसक झड़प में कर्नल समेत 21 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। झड़प में चीनी सेना पीएलए के भी कम से कम 45 सैनिक मारे गए थे, हालांकि चीन ने आधिकारिक तौर पर मरने वाले सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया। तब से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है और इसे कम करने की कोशिशें जारी हैं।
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