नई दिल्ली: कोविड के संकट काल में लोगों को जरूरी मदद पहुंचाने के लिए सरकार ने मार्च 2020 में पीएम केयर फंड बनाया था. हालांकि उस समय इसकी काफी आलोचना हुई थी क्योंकि देश में पहले से प्रधानमंत्री राहत कोष बना हुआ है. लेकिन 2019-20 से 2021-22 के बीच इस राहत फंड में सरकारी कंपनियों ने भर-भरकर पैसा दिया है. सरकारी कंपनियों का योगदान 2,900 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है.
पीएम केयर्स में आए दान को लेकर प्राइमइन्फोबेस डॉट कॉम ने एक एनालिसिस किया है. इसके हिसाब से जिन कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी है या जो सरकार के अधीन हैं, ऐसी 57 कंपनियों ने इस फंड में कुल 2,913.6 करोड़ रुपये दान दिए हैं. ये पीएम केयर्स फंड में आए कुल दान का करीब 59.3 प्रतिशत है.
पेट्रोल-गैस कंपनी सबसे बड़ी दानी
पीएम केयर्स में 247 कंपनियों ने दान दिया है. 2 साल के अंदर इस फंड में 4,910.5 करोड़ रुपये दान आया है. पीएम केयर में सबसे ज्यादा दान देने का काम ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने किया है. कंपनी ने कुल 370 करोड़ रुपये दान में दिए हैं.
इसके अलावा टॉप-5 कंपनियों में 330 करोड़ रुपये देकर एनटीपीसी दूसरे नंबर पर, 275 करोड़ रुपये देकर पावर ग्रिड कॉरपोरेशन तीसरे नंबर पर, 265 करोड़ रुपये देकर इंडियन ऑयल चौथे नंबर पर और 222.4 करोड़ रुपये के साथ पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन पांचवे नंबर पर रही है.
पीएम केयर्स फंड का बवाल
पीएम केयर्स फंड के गठन को लेकर पहले ही विवाद हुआ. फिर चीनी कंपनियों से दान लेने और इसकी संसद के प्रति कोई जवाबदेही नहीं होने की वजह से भी इसकी काफी आलोचना हुई. दिल्ली हाईकोर्ट में सरकार ने जनवरी 2023 में एक रिपोर्ट जमा की, जिसमें कहा गया कि इस फंड का नियंत्रण भारत सरकार के पास नहीं है.
2020 में सुप्रीम कोर्ट में दिए एक हलफनामे में भी सरकार ने यही बात कही थी, और सुप्रीम कोर्ट ने देखा था कि इस फंड में किसी तरह के सरकारी पैसे का दान नहीं लिया गया है. पीएम केयर्स ने 2019-20 में 3,076.6 करोड़ रुपये दान दिए थे. 2020-21 में ये आंकड़ा 10,990.2 करोड़ रुपये था. वहीं 2021-22 में ये 9,131.9 करोड़ रुपये रहा है.
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