नई दिल्ली। कोविड-19 के संक्रमण से प्रभावित कॉरपोरेट जगत को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) के प्रावधानों को और 3 माह के लिए निलंबित कर दिया है। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना में कहा गया है कि आईबीसी की धारा 7, 9 और 10 के प्रावधानों के क्रियान्वयन पर लगी रोक 25 सितम्बर से और 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि ‘आईबीसी की धारा 10-ए के तहत दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए आईबीसी की धारा-7, 9 और 10 पर और तीन महीने के लिए रोक लगा दी गई है। सीतारमण ने कहा है कि यह कारोबार को बचाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इससे कंपनियों को वित्तीय संकट से बाहर निकलने का मौका मिलेगा।
गौरतलब है कि इससे पहले अप्रैल में आईबीसी की धारा-7, 9 और 10 लागू किए जाने पर 6 महीने की रोक लगाने का फैसला सरकार ने किया था। इससे कर्ज न चुकाने वाली कंपनियों के खिलाफ नए सिरे से दिवालिया प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें वे कंपनियां शामिल नहीं होंगी, जो पहले से ही दिवालिया प्रक्रिया में चली गई हैं। दरअसल कोविड-19 की महामारी के बीच कॉरपोरेट जगत को राहत देने के लिए यह कदम उठाया गया है।
उल्लेखनीय है कि आईबीसी की धारा-7 वित्तीय कर्जदाताओं को डिफॉल्टर्स के खिलाफ दिवालिया प्रावधान शुरू करने का अधिकार देती है। इसी तरह धारा-9 संचालन कर्जदाताओं (आपूर्तिकर्ता कंपनियों) को डिफॉल्टर्स के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन का अधिकार देती है। वहीं, धारा-10 डिफॉल्ट करने वाली कंपनी को कॉरपोरेट दिवालिया प्रक्रिया में जाने के लिए आवेदन का अधिकार देता है। (एजेंसी, हि.स.)
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