नई दिल्ली । देशभर में कोरोना के मामले (corona cases) एक बार फिर बढ़ रहे हैं. जिसके बाद तेजी से वैक्सीनेशन (vaccination) पर जोर दिया जा रहा है. अब स्पूतनिक वी वैक्सीन (Sputnik V Vaccine) को लेकर नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप (National Technical Advisory Group) ने एक फैसला लिया है. जिसमें कहा गया है कि, कोरोना की प्रिकॉशन डोज के तौर पर स्पूतनिक वी को लिया जा सकता है, लेकिन जो पहली वाली डोज ली गई थी, उसे ही तीसरी डोज के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. यानी जिन लोगों ने स्पूतनिक की दो डोज ली हैं, उन्हें तीसरी डोज लगाई जा सकती है.
स्पूतनिक लेने वाले लोगों को परेशानी
बता दें कि अब तक उन लोगों के लिए तीसरी डोज को लेकर कंफ्यूजन था, जिन्होंने स्पूतनिक वैक्सीन ली थी. क्योंकि कोविन ऐप पर प्रीकॉशन डोज के लिए स्पूतनिक का विकल्प नहीं दिखाई दे रहा था. जिससे उन लाखों लोगों को तीसरी डोज लेने में परेशानी हो रही थी, जिन्होंने पिछले साल रूसी वैक्सीन स्पूतनिक की दोनों डोज लगवाई थीं. क्योंकि स्पूतनिक की दो डोज के बीच का अंतर करीब 30 दिन का था, इसीलिए लोगों ने दोनों को एक ही महीने के अंतराल में लगवा लिया.
बूस्टर डोज का अंतर नहीं हुआ कम
बताया गया है कि इस बैठक में कोरोना की दूसरी और तीसरी डोज का अंतर कम करने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. पहले बताया जा रहा था कि, बूस्टर डोज लेने के बीच का अंतर कम किया जा सकता है. क्योंकि सरकार ने पहले ये निर्देश दिया था कि 9 महीने के अंतराल में ही कोरोना की तीसरी डोज ली जा सकती है. जो कि काफी ज्यादा लंबा अंतर था. इसे कम करने को लेकर तमाम एक्सपर्ट मांग कर रहे थे. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने भी अंतर कम करने का प्रस्ताव सरकार को दिया था. जिसमें दोनों वैक्सीन डोज के बीच का अंतर 9 महीने से 6 महीने करने की बात कही गई थी.
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