– 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में नवाचार की भूमिका अहम
नई दिल्ली/चेन्नई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि सरकार सीमा-शुल्क विभाग (border tax department) के अधिकारियों और व्यापार समुदायों समेत प्रत्येक हितधारक के लिए व्यापार सुगमता (ease of doing business) को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सीतारमण ने कस्टम भवन परिसर में नए कार्यालय ‘वैगई’ की आधारशिला रखने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही।
सीतारमण ने रविवार को यहां वैगई की आधारशिला रखने के बाद अपने संबोधन में कहा कि व्यापार से जुड़ी गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने पर सरकार ध्यान दे रही है और इस दिशा में प्रगति भी देखी गई है। उन्होंने कहा कि नई इमारत के निर्माण के अलावा इन दिनों इस बात पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि इमारतों को बिजली की कम खपत करने वाला कैसे बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि आज जब हम कार्यालय भवन बनाते हैं, तो आयात-निर्यात एजेंट, महिला अधिकारियों और उनके बच्चों को भी ध्यान में रखते हैं। सीतारमण ने कहा कि एक समय था जब हम सोचते थे कि हमें कार्यालय अधिकारियों, कर्मचारियों और जरूरतों को देखते हुए बनाने हैं, लेकिन आजकल हम देखते हैं कि हमारी इमारतें कैसे हरित और ऊर्जा की कम खपत करने वाली बनेंगी।
सीतारमण ने यहां अन्ना नगर में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के केंद्रीय राजस्व क्वार्टर नंदवनम का उद्घाटन किया। वित्त मंत्री ने अपनी संक्षिप्त यात्रा पर सीबीआईसी के अध्यक्ष विवेक जौहरी और सीबीडीटी के अध्यक्ष नितिन गुप्ता की उपस्थिति में उद्घाटन की स्मृति में एक पट्टिका का अनावरण किया। इससे पहले सीतारमण ने आईआईटी मद्रास में कैंसर चिकित्सा के लिए राष्ट्रीय केंद्र का उद्घाटन के बाद आर्थिक गतिविधियों के लिए एक फिन टेक इनोवेशन लैब का उद्घाटन और प्रोफेसर रघुराम द्वारा लिखित एक पुस्तक का विमोचन भी किया।
इसके अलावा सीतारामण ने आईआईटी मद्रास में ‘बेहतर कल के लिए प्रौद्योगिकी’ विषय पर कॉरपोरेट के सामाजिक दायित्व-सीएसआर सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में नवाचार की अहम भूमिका होगी। वित्त मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने देश के कॉरपोरेट क्षेत्र को सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित इन्क्यूबेटरों की मदद करने, प्रमुख संस्थानों और निकायों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा तथा इंजीनियरिंग में अनुसंधान प्रयासों के लिए आर्थिक योगदान करने की अनुमति प्रदान की है। (एजेंसी, हि.स.)
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