डेस्क: सीरिया इस समय अनिश्चितता और बदलाव के दौर से गुजर रहा है. बता दें कि तख्तापलट के बाद बशर अल असद अपने परिवार के साथ रूस में रह रहे है. इस बीच मोहम्मद अल बशीर को तीन महीने के लिए सीरिया का नया केयरटेकर प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है.
सीरिया में हयात तहरीर अल शाम के नेता अबू मोहम्मद अल जोलानी ने सत्ता में आते ही कई बड़े कदम उठाए हैं. जानकारी के अनुसार उन्होंने बशर अल असद की सेना को भंग करने का आदेश दिया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार बशर अल असद की सरकार गिरने के बाद हजारों सीरियाई सैनिक इराक की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं. इराकी सुरक्षा बलों ने इन सैनिकों के लिए व्यवस्था की है और सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
जोलानी ने सीरिया की कई कुख्यात जेलों को बंद करने का फैसला लिया है. इन जेलों में बंद कैदियों को रिहा किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि इन जेलों में असद शासन के दौरान बड़ी संख्या में विद्रोहियों को कैद किया गया था. सीरिया के रासायनिक हथियारों को लेकर हमेशा अनिश्चितता बनी रही है. तख्तापलट के बाद आशंका थी कि इन हथियारों का क्या होगा. इस पर जोलानी ने स्पष्ट किया है कि वह इन हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगे, लेकिन इन्हें अपने संरक्षण में रखेंगे. वह अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर इन हथियारों को सुरक्षित रखने पर काम करेंगे.
जोलानी ने सीरिया में एक तकनीकी उन्मुख सरकार बनाने की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी को देश में प्राथमिकता दी जाएगी और इसे सरकारी प्रक्रियाओं में भी शामिल किया जाएगा. सीरिया के केमिकल हथियार लंबे समय से विवादों में रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार समूहों का दावा है कि इनका इस्तेमाल नागरिकों के खिलाफ किया गया है. संयुक्त राष्ट्र और अन्य संस्थाओं ने इन हथियारों के उपयोग की कड़ी निंदा की है और जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की है.
तख्तापलट के बाद 11 दिनों में सीरिया का राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है. होम्स, इदलिब, अलेप्पो, हमा, और राजधानी दमिश्क सहित कई क्षेत्रों पर विद्रोहियों का कब्जा हो चुका है. इदलिब विद्रोहियों का मुख्य गढ़ बन चुका है जहां हयात तहरीर अल शाम का नियंत्रण है. दक्षिणी सीरिया के कुछ बाकी इलाकों में भी विद्रोही समूह एक्टिव हैं.
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