नई दिल्ली। एक जनहित याचिका (PIL) में यह बात सामने आई है कि देश के अलग-अलग राज्यों में 3 करोड़ (3 Crores) राशन कार्ड (Ration card) इसलिए कैंसिल (Cancil) कर दिए गए क्योंकि वे आधार (Aadhar) से लिंक (Link) नहीं थे। यह मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreem Court) में भी गया है और देश की शीर्ष अदालत ने भारत सरकार (India Goverment) से इस मसले पर जवाब तलब किया है। हाल के वर्षों में भुखमरी से कई लोगों की मौत की खबर सामने आई है जिसकी एक वजह राशन कार्ड का आधार से लिंक नहीं होना बताया जाता है।
राशन दुकानदार (Ration shopkeeper) किसी भी वैसे व्यक्ति को राशन देने से मना कर देता है जिसका राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं हो। कुछ राज्यों में ऐसी शिकायतें सामने आई हैं कि राशन नहीं मिलने के चलते पूरा परिवार भूखे पेट सोने को मजबूर हुआ। बाद में बुजुर्ग लोगों की मौत (Maut) हो गई। इसी विषय पर सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि देश के आदिवासी इलाके या दूर-दराज क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं होने से राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं हो पा रहा है। इससे राशन कार्ड कैंसिल हो रहे हैं, लिहाजा गरीब लोगों को जन वितरण प्रणाली के तहत राशन नहीं मिल पा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में मामला : सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार ने इस विषय पर अपना पक्ष रखा और कहा कि याचिका में लगाया गया आरोप निराधार है कि राशन कार्ड इसलिए कैंसिल हो रहे हैं क्योंकि उनसे आधार कार्ड नहीं जुड़ा है। केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह स्पष्ट दिशा-निर्देश है कि अगर राशन कार्ड आधार के साथ वेरीफाई नहीं भी होता है तो किसी का राशन नहीं रोक सकते। राशन कार्ड-आधार लिंक के आधार पर गरीबों का राशन नहीं रोका जा सकता।
3 लाख राशन कार्ड कैंसिल : याचिका में कहा गया कि भारत सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 3 लाख राशन कार्ड कैंसिल हुए हैं। इन कार्ड्स को बोगस बतते हुए कैंसिल कर दिया गया जबकि असली वजह कुछ और है। इनमें इंटरनेट कनेक्टिविटी की गड़बड़ी के चलते आंख और अंगूठे का निशान लेने में दिकक्त आती है। इससे बड़े स्तर पर आधार कार्ड कैंसिल हो रहे हैं, जबकि राशनकार्ड होल्डर परिवार को पहले से कोई सूचना भी नहीं दी जाती।
नहीं रोक सकते राशन : देश में लगभग 80 करोड़ लोग राशन कार्ड होल्डर हैं। इनमें ग्रामीण और शहरी ग्रामीण इलाकों में लोगों की तादाद ज्यादा है। केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयास से कुल 23।5 करोड़ राशन कार्ड में से तकरीबन 90 फीसद कार्ड को पहले ही आधार नंबर से जोड़ा जा चुका है। जनवितरण प्रणाली या पीडीएस के करीब 80 करोड़ लाभार्थियों में से 85 फीसदी के आधार नंबर उनके संबंधित राशन कार्ड से जोड़े जा चुके हैं। सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि किसी भी सही लाभार्थी को सिर्फ इस वजह से कोटे से वंचित नहीं किया जाएगा कि उसका राशन कार्ड आधार नंबर से जुड़ा नहीं है। सिर्फ इस आधार पर किसी भी लाभार्थी का नाम नहीं हटाया जा सकता है और न ही राशन कार्ड को कैंसिल किया जा सकता है।
ऐसे जोड़ें आधार और राशन कार्ड : अगर किसी का आधार कार्ड उसके राशन कार्ड से नहीं जुड़ा है, तो सरकार की तरफ से इसे जोड़ने का आसान तरीका भी बताया जाता है। यह तरीका ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से मिलता है। आप आसानी से यह भी पता कर सकते हैं कि आपका राशन कार्ड कहीं कैंसिल तो नहीं हो गया। इसके लिए सबसे पहले आपको पीडीएस विभाग में जाकर इसकी जानकारी लेनी होगी। राशन दुकानदार भी इसके बारे में बता देगा। पीडीएस विभाग में अपना राशन कार्ड और आधार कार्ड दिखाना होगा। अगर दोनों दस्तावेज नहीं जुड़े हैं तो वहीं से लिंक भी हो जाएगा। इसके बाद आपका नया राशन कार्ड बनेगा। पुराना जारी नहीं होगा।
नया राशन कार्ड बनवाने के लिए आप ये काम कर सकते हैं-
1. अपने घर के नजदीक किसी पीडीएस केंद्र या राशन की दुकान पर जाएं।
2. अपने घर के सभी सदस्यों के आधार कार्ड की कॉपी और अपने राशन कार्ड की फोटो कॉपी साथ ले जाएं।
3. परिवार के मुखिया की पासपोर्ट साइज फोटो भी साथ ले जाएं।
4. अगर आपका बैंक खाता आधार कार्ड से नहीं जुड़ा है तो आपको बैंक पासबुक की एक कॉपी भी जमा करनी चाहिए।
5. अपने आधार की एक कॉपी के साथ पीडीएस दुकान पर ये सभी दस्तावेज जमा करा दें।
6. राशन की दुकान चलाने वाला व्यक्ति आधार को वेरीफाई करने के लिए बायोमेट्रिक डाटा के तहत फिंगर प्रिंट मांग सकता है।
सभी दस्तावेज जमा कराने के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस आएगा। जब आधार और राशन कार्ड लिंक हो जाएंगे तो मोबाइल नंबर पर इसका मैसेज मिल जाएगा।
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