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    लोन मोरेटोरियम न लेने वालों को भी राहत दे सकती है सरकार, कैशबैक पर विचार

  • October 04, 2020


    नई दिल्‍ली/मुंबई। छह महीने के मोरेटोरियम की सुविधा न लेने वालों को भी सरकार राहत देने पर विचार कर रही है। वित्‍त मंत्रालय ऐसे लोगों के लिए कैशबैक जैसी स्‍कीम ला सकता है। इसके अलावा दो करोड़ रुपये तक कर्ज वाली वो MSMEs जिन्‍होंने वक्‍त पर किस्‍त भरी, उन्‍हें भी मुआवजा मिल सकता है। सरकार ऐसा इसलिए करना चाहती है ताकि इन्‍हें मोरेटोरियम का फायदा उठाने वालों के बराबर लाया जा सके। मोरेटोरियम लेने वालों को ‘ब्‍याज पर ब्‍याज’ में छूट दी जा सकती है, बशर्ते सुप्रीम कोर्ट सरकार का प्रस्‍ताव मान ले।

    एक सरकारी सूत्र ने कहा, “मोरेटोरियम का विकल्‍प चुनने वाले कर्जदार को कितना फायदा हुआ, यह पता लगाया जा सकता है। सरकार इसे उन्‍हें पास कर सकती है जिन्‍होंने अपना बकाया वक्‍त पर चुकाया। कठिनाई के बावजूद जो वक्‍त पर ईएमआई भरते रहे, उन्‍हें नजरअंदाज करना गलत होगा।”

    मोरेटोरियम से जुड़े पूरे आंकड़े अभी तक नहीं आ पाए हैं, इस वजह से अभी डीटेल्‍स पर काम नहीं हुआ है। एक बार सुप्रीम कोर्ट वित्‍त मंत्रालय का प्रस्‍ताव मान ले तो सरकार इस दिशा में आगे बढ़ सकती है। पिछले कुछ सालों में राज्‍यों ने कई बार किसानों की कर्ज माफी के फैसले किए, जिनकी आलोचना केंद्र और रिजर्व बैंक इस आधार पर कर चुके हैं कि इससे ईमानदार कर्जदाताओं को सजा दी जा रही है।

    सरकार के पास अभी पर्याप्‍त डेटा नहीं
    अधिकारियों ने कहा कि ऐसे लोगों की अच्‍छी-खासी तादाद है जिन्‍होंने छह महीने के मोरेटोरियम का लाभ उठाया। लेकिन ऐसे भी कर्जदार हैं जिन्‍होंने कुछ वक्‍त के लिए मोरेटोरियम अपनाया। कुछ ने कई दिन तक ईएमआई टाल दी। एक सूत्र ने कहा, ‘यह कैलकुलेशन इतनी आसान नहीं है। सरकार के पास अभी सारे आंकड़े भी नहीं हैं, खासतौर से NBFCs और हाउसिंग फायनेंस कंपनीज का।”

    राहत देने का क्‍या हो सकता है तरीका?
    रेटिंग एजेंसी ICRA के उप-निदेशक अनिल गुप्‍ता के अनुसार, समय पर भुगतान करने वालों को राहत देने का एक तरीका ये है कि सरकार उनके मूल बकाये में से ‘ब्‍याज पर ब्‍याज’ का एक हिस्‍सा कम कर दे। उन्‍होंने कहा, “अगर यह मान लें कि बैंकों और NBFCs के सभी कर्जों का 30-40% से ज्‍यादा राहत के योग्‍य नहीं होगा, तो इस कदम पर सरकार को 5,000-7,000 करोड़ का खर्च करना होगा। यह उस स्थिति में होगा जब यह माना गया कि सभी कर्जदारों को राहत देनी है, चाहे उन्‍होंने मोरेटोरियम लिया हो या नहीं।”

    केंद्र ने SC में क्‍या कहा?
    सुप्रीम कोर्ट को सौंपे हलफनामे में इस बात का जिक्र किया गया है कि अब चक्रवृद्धि ब्याज पर छूट का वहन सरकार करेगी। केंद्र ने कहा, “संभावित सभी विकल्पों पर सावधानीपूर्वक विचार किए जाने के बाद सरकार ने छोटे कर्जदारों की मदद करने की पंरपरा बनाए रखी है। इन दो करोड़ रुपये तक के ऋणों की श्रेणियों में एमएसएमई ऋण, शैक्षिक, आवास, उपभोक्ता, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया, उपभोग, व्यक्तिगत और पेशेवर ऋण शामिल हैं, जिन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ करने का फैसला लिया गया है।”

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