भोपाल। शासन द्वारा राज्य के राजस्व की आय को बढ़ाने के लिए तरह तरह के जतन किए जा रहे हैं। शासन स्तर पर विभिन्ना प्रयोग करते हुए राजस्व की बढ़ोतरी के लिए राजस्व अधिकारियों को सतत प्रयास करते रहने के निर्देश जरूर दिए गए हैं। लेकिन जिन स्त्रोतों से शासन की आय बढ़ सकती है उस तरफ राजस्व अधिकारियों के द्वारा पूरा फोकस नहीं किया जाने से अनेक स्कीम धरी की धरी रह जाती है। ऐसा ही कुछ फ्री होल्ड स्कीम के तहत हुआ है।
इस स्कीम का यदि सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाता तो शासन को करोड़ों रुपए की आय हो सकती थी। अभी भी इस स्कीम को प्रारंभ किया जाए तो अभी भी करोड़ों की आय हो सकती है। इसमें शासन का कुछ नहीं जाएगा। इस स्कीम से शासन को बहुत फायदा है। लोगों को भी फायदा है। एक बार राशि जाती है।
क्या है फ्री होल्ड स्कीम
शासन ने वर्ष 2012-13 में फ्री होल्ड स्कीम को लागू किया था। इस स्कीम के तहत उन लोगों को लाभ मिल सकता है जो बार-बार अपनी जमीन की लीज को रिन्यू कराने से बचना चाहते हैं। उनके पूर्वजों के समय से बार-बार लीज कराने में परेशानी मेहसूस करते हैं। उन्हें एक बार ज्यादा राशि जमा करना होगी उसके बाद उस भूमि का की लीज को रिन्यू नहीं कराना पड़ेगा।
आवासीय के लिए एक फीसदी
इस स्कीम के तहत जिन लोगों की आवासीय भूमि है उसकी रजिस्ट्री के दौरान दी गई राशि की एक प्रतिशत राशि एक मुश्त देने पर तथा भू-भाटक का अंश देने पर आवासीय भूमि फ्री होल्ड हो जाती है। फिर उस व्यक्ति को तथा उसकी पीढ़ी को किसी तरह की लीज को रिन्यू कराने की आवश्यकता नहीं रहती है। इस तरह वह राजस्व विभाग के बार-बार चक्कर लगाने से बच जाता है।
कमर्शियल का डेढ़ प्रतिशत
जिन लोगों की भूमि का उपयोग कमर्शियल हो रहा है। उनकी भूमि को भी फ्री होल्ड करने का विधान स्कीम में समाहित है। लेकिन आवासीय भूमि की तुलना में उक्त व्यक्ति को आधा फीसदी ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। डेढ़ प्रतिशत राशि देने पर उसे भी स्कीम का लाभ मिल सकेगा। शहर में आवासीय और कमर्शियल लेैंड की करोड़ों रूपये की भूमि की लीज बार बार बदलने की झंझट ही खत्म होगी।
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