नई दिल्ली। तीन नए कृषि सुधार कानूनों (Agri Marketing Reform laws) के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों के जारी विरोध प्रदर्शन के बीच चालू विपणन सत्र (Kharif Marketing Season) में अब तक 1.16 लाख करोड़ रुपए के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की खरीद 18 फीसदी बढ़कर 614.25 लाख टन की हो चुकी है। एक सरकारी बयान में कहा गया, चालू खरीफ मार्केटिंग सेशन (KMS) 2020-21 में सरकार MSP की मौजूदा योजनाओं के अनुसार किसानों से एमएसपी मूल्य पर खरीफ 2020-21 फसलों की खरीद जारी रखे हुए है, जैसा कि पिछले सत्रों में किया गया था।
खरीफ विपणन सत्र अक्टूबर से शुरू होता है। सरकार ने पांच फरवरी तक 614.27 लाख टन धान की खरीद की है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 521।93 लाख टन की खरीद से 17.69 प्रतिशत अधिक है। बयान में कहा गया, ‘चालू खरीफ विपणन सत्र में 1,15,974।36 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य के खरीद अभियान से लगभग 85.67 लाख किसान पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं।’
पंजाब में दिया सबसे ज्यादा योगदान : धान की अभी तक की 614.27 लाख टन की कुल खरीद में से, पंजाब ने अकेले 202.82 लाख टन का योगदान दिया है, जो कुल खरीद का 33.01 फीसदी हिस्सा है। केंद्र राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए गेहूं व चावल आदि की खरीद करता है। यह, बाजार की कीमतें एमएसपी से नीचे आने पर दाल, तिलहन, मोटे अनाज और कपास जैसे अन्य फसलों की भी खरीद करता है।
लंबे समय से किसान कर रहे प्रदर्शन : हजारों किसान, जो मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं, दिल्ली-सीमाओं पर दो महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि पिछले साल सितंबर में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।
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