डेस्क। सरकार ने मंगलवार को चुनावी बांड की 17वीं किस्त जारी करने को मंजूरी दे दी. यह एक जुलाई से 10 जुलाई तक खुलेगी. यह मंजूरी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले दी गयी है. राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बांड की व्यवस्था की गयी है. हालांकि, विपक्षी दल ऐसे बांडों के माध्यम से चंदे में कथित पारदर्शिता की कमी को लेकर चिंता जताते रहे हैं.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय स्टेट बैंक को एक जुलाई से 10 जुलाई के बीच उसकी 29 अधिकृत शाखाओं के जरिये चुनावी बांड जारी करने और उसे भुनाने के लिये अधिकृत किया गया है.’’ एसबीआई की ये 29 विशिष्ट शाखाएं कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, पटना, नई दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला, श्रीनगर, देहरादून, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर, मुंबई और लखनऊ जैसे शहरों में हैं.
टैक्स में मिलेगा छूट का फायदा
अगर आप भी इन बॉन्ड में निवेश करते हैं तो आपको टैक्स में छूट का फायदा मिलेगा. आपको आयकर विभाग की धारा 80GGC/80GGB के तहत इनकम टैक्स (Income Tax) में छूट भी मिलती है. इसके अलावा, राजनीतिक दलों को Income Tax Act के Section 13A के तहत बॉन्ड के तौर पर चंदे मिलेंगे. पिछले कुछ सालों में चंदे के लिए चुनावी बॉन्ड एक पॉपुलर माध्यम के तौर पर उभरा है.
आखिर क्या है ये चुनावी बॉन्ड
केंद्र सरकार ने देश के राजनीतिक दलों के चुनावी चंदे में पारदर्शी बनाए रखने के लिए वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में चुनावी बांड (Electoral Bond) शुरू करने का ऐलान किया था. चुनावी बॉन्ड से मतलब एक ऐसे बॉन्ड से होता है जिसके ऊपर एक करंसी नोट की तरह उसकी वैल्यू या मूल्य लिखा होता है.
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