उज्जैन। सत्ता और अधिकारी चाहें तो कुछ भी कर सकते हैं, इसका उदाहरण सप्त सागरों में से एक गोवर्धन सागर के कायाकल्प अभियान में दिखाई दिया। इस सागर में अतिक्रमण था और कोई झांकता नहीं था, जहाँ कल नौका विहार हुआ। शनिवार को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने गोवर्धन सागर के जीर्णोद्धार कार्य का अवलोकन किया। जीर्णोद्धार के पश्चात मंत्री डॉ.यादव सागर के समीप कराई गई गोवर्धन पूजा में संतों के साथ शामिल हुए। इस दौरान विधायक पारस जैन, महन्त रामेश्वरदास, महन्त भगवानदास, विनीतगिरीजी महाराज एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे। महिलाओं द्वारा गोवर्धन सागर की पूजा-अर्चना विधि-विधान से की गई।
इसके पश्चात गोवर्धन सागर के समीप स्थित नगरकोट की माता को चुनरी अर्पित की गई। अतिथियों द्वारा गोवर्धन सागर में बतख भी छोड़ी गई। मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि गोवर्धन सागर उज्जैन के सप्त सागर में से एक है। यह अत्यन्त प्राचीन है। इसका जीर्णोद्धार होने के पश्चात यह पुन: अपने मूल स्वरूप में आ गया है। सभी के प्रयास से यह संभव हुआ है।
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