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    देश के कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की किल्‍लत, सरकार और तेल कंपनियों ने साधा मौन

  • June 14, 2022

    नई दिल्‍ली। देश के कई राज्यों में इस समय पेट्रोल-डीजल की कमी (shortage of petrol and diesel) देखने को मिल रही है। सोमवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लगने लगीं। यह तेल की किल्लत की अफवाह (rumors of shortage) के चलते हो रहा है या सच में संकट है? यह अभी स्पष्ट नहीं है। सरकार व तेल कंपनियों ने मौन साध रखा है।

    इस संबंध में पेट्रोल पंप एसोसिएशनों का कहना है कि तेल कंपनियां मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं कर रही हैं। इस कारण किल्लत हो रही है। पंपों को आठ घंटे ही खुला रखने की बात कही जा रही है, हालांकि, इस मामले में अभी सरकार व तेल कंपनियों की ओर से कोई बयान नहीं आया है।


    इन राज्यों में किल्लत शुरू
    बिहार में सप्लाई अभी प्रभावित नहीं हुई है, मगर कंपनियां नकद भुगतान करने पर ही तेल उपलब्ध करवा रही हैं। हरियाणा व पंजाब में भी नकद भुगतान की बात कंपनियां कर रही हैं। मध्य प्रदेश, हरियाणा व पंजाब में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के पंपों पर पेट्रोल व डीजल की किल्लत शुरू हो गई है, हालांकि, इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड (आइओसी) के पंपों पर अभी ज्यादा समस्या नहीं है, लेकिन इन पर भी दबाव बढ़ने लगा है। बताया जा रहा है कि एक सप्ताह में यहां भी किल्लत शुरू हो जाने की आशंका है।

    राजस्थान में 2500 पंप सूखने की कगार पर
    राजस्थान की राजधानी जयपुर में सैकड़ों पंपों पर डीजल बिक्री बंद हो गई है। मंगलवार से पेट्रोल और डीजल की किल्लत शुरू हो सकती है। एचपीसीएल और बीपीसीएल कंपनी ने पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति रोक दी है। ऐसे में प्रदेशभर के तकरीबन 2500 पेट्रोल पंप सूखने की कगार पर हैं। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने इसे लेकर एसोसिएशन की ओर से पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी को पत्र भी लिखा है। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई का कहना है कि प्रदेश में एचपीसीएल और बीपीसीएल कंपनी की ओर से पेट्रोल पंप डीलर्स को कंपनी से पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति नहीं की जा रही है। पेट्रोल पंप ड्राई होने से उपभोक्ताओं को परेशानियां आ रही हैं।

    दूसरी ओर विभिन्न पेट्रोल पंप एसो. का कहना है कि विश्व बाजार में तेल के दाम बहुत बढ़ गए हैं। तेल कंपनियों को प्रति लीटर से 15 से 20 रुपये लीटर का घाटा हो रहा है, इसलिए वे सप्लाई कम कर रही हैं। तेल उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि तेल कंपनियों को डीजल पर 23 और पेट्रोल में 16 रुपये प्रति लीटर घाटा हो रहा है, इसलिए आपूर्ति कम की जा रही है।

    बता दें, केंद्र सरकार ने 21 मई को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटा दिया था। इससे पेट्रोल-डीजल के दाम घट गए हैं पर ब्रेक लग गया था। कीमतें कुछ कम हो गई थी। तभी से तेल कंपनियां घाटा बता रही हैं, हालांकि ईंधन क्‍यों कमी हो रही है न तो इसका सरकारी और नही पेट्रेालियम कंपनियां ता रही है।

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