नई दिल्ली। भारत सरकार (Indian government) ने चीन (China) जाकर मेडिकल की पढ़ाई (medical studies) करने वाले छात्रों को लेकर एक विस्तृत एडवाइजरी (detailed advisory) जारी की है, जिसमें चीन जाकर मेडिकल की पढ़ाई (medical studies) करने वाले छात्रों को कई तरह की सलाह (advisory) दी गई हैं।
बता दें कि इन कॉलेजों में हजारों भारतीय छात्रों (Indian students) ने एडमिशन लिया है और कोरोना जैसे महामारी के बीच वे घर में ही फंसे हुए हैं। चीनी वीजा प्रतिबंध से विभिन्न चीनी विश्वविद्यालयों में नामांकित 23 हजार 000 से अधिक भारतीय छात्र प्रभावित हुए हैं। इस बारे में भारतीय दूतावास ने 8 सितंबर को एक बयान में बताया कि ‘बीजिंग में भारत के दूतावास को भारतीय छात्रों और उनके माता-पिता से चीन में स्नातक नैदानिक चिकित्सा कार्यक्रम में प्रवेश लेने के संबंध में कई सवाल मिल रहे हैं।
भारतीय दूतावास ने अपने बयान में बताया कि ‘अध्ययन से पता चलता है कि 2015 से 2021 तक एफएमजी परीक्षा में बैठने वाले 40,417 छात्रों में से केवल 6387 ने ही इसे पास किया है। यहां, इन 45 विश्वविद्यालयों में उस अवधि में चीन में नैदानिक चिकित्सा कार्यक्रम का अध्ययन करने वाले भारतीय छात्रों का उत्तीर्ण प्रतिशत केवल 16 प्रतिशत रहा।’ चीनी विश्वविद्यालयों से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्र COVID-19-प्रेरित प्रतिबंधों के कारण कक्षाओं में भाग लेने के लिए चीन नहीं लौट पा रहे हैं।
विदित हो कि इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक की और भारतीय छात्रों की जल्द से जल्द कक्षाओं में भाग लेने के लिए चीन लौटने की प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया। भारतीय छात्रों की वापसी की सुविधा के लिए जयशंकर ने 25 मार्च को वांग यी से मुलाकात की।
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