नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने राजधानी में वायु गुणवत्ता (Delhi Air Quality) बिगड़ने के लिए पटाखे (Firecrackers) और पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ उन्होंने कहा कि दिल्ली में कुछ लोगों ने खास मकसद से पटाखे जलाए, इसके पीछे भाजपा है.
वहीं, गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के आसपास पराली जलाए जाने की करीब 3500 घटनाओं का असर आज राष्ट्रीय राजधानी में दिखा और इस वजह से वायु गुणवत्ता बिगड़ी है. बता दें कि दिवाली (Diwali 2021) के अगले दिन यानी शुक्रवार को दिल्ली के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘खतरनाक’ श्रेणी में दर्ज की गई है. जबकि बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण सांस तक लेना मुश्किल हो रहा है.
वहीं, दिवाली से एक दिन पहले गोपाल राय ने विपक्षी दलों से आतिशबाजी को धर्म से नहीं जोड़ने और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए बच्चों व बुजुर्गों की जान जोखिम में नहीं डालने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि कुछ लोग राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं पूरी करना चाहते हैं. मैं उनसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि दिल्ली के बच्चों और बुजुर्गों की जिंदगी से खिलवाड़ ना करें. राजनीति करने के लिए कई अन्य मुद्दे हैं. कृपया लोगों को सांस लेने दें. दिवाली दीयों का त्यौहार है, पटाखे जलाने का नहीं.
‘पटाखे नहीं दीये जलाओ’
बहरहाल, दिल्ली सरकार ने आतिशबाजी को रोकने के लिए 27 अक्टूबर को ‘पटाखे नहीं दीये जलाओ’ अभियान शुरू किया था. जबकि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 28 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में 1 जनवरी 2022 तक पटाखों की बिक्री और उनके जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था. वहीं, दिल्ली में पटाखे जलाने में संलिप्त पाये जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के संबद्ध प्रावधानों और विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी.
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