नई दिल्ली। इंटरनेट के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल ने अपने खिलाफ जारी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की जांच में पूछे सवालों का जवाब देने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट से और समय मांगा है। गूगल द्वारा एप डवलपर्स के लिए अपने ही प्लेटफार्म से भुगतान अनिवार्य करने के नियम की आयोग जांच कर रहा है। गूगल ने यह नई व्यवस्था 30 सितंबर से लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन आयोग की सख्ती के बाद इसे दोबारा आगे बढ़ा चुका है।
नई भुगतान प्रक्रिया पर एप डवलपर्स की शिकायतों की जांच कर रहा सीसीआई
खुद गूगल ने आयोग की नई नीति को लेकर हो रही जांच में पूरा सहयोग करने की बात की है। उसके अनुसार में रचनात्मक सहयोग देगा ताकि निष्पक्षता से जांच पूरी हो सके। साथ ही कहा वह आयोग की जांच प्रक्रिया का सम्मान करता है दूसरी ओर शिकायतों के बाद हो रही जांच में आयोग ने उससे कई सवाल किए थे। इस पर गूगल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जांच से अंतरिम राहत मांगी थी। ताजा प्रगति में उसने अर्जी देकर जवाब देने के लिए समय मांगा।
शिकायतकर्ताओं की पहचान जानना चाहता है गूगल
गूगल अपने खिलाफ शिकायत करने वाले की पहचान के लिए आयोग से कुछ व्यवस्थागत निवेदन भी किए। इनकी वजह दी कि वह शिकायतों का व्यापक जवाब देना चाहता है। साथ ही जांच पैनल में कुछ न्यायिक सदस्य को शामिल करने का निवेदन किया है।
यह है मामला
गूगल ने कहा था कि जो एप डवलपर्स उसके प्ले स्टोर पर हैं और यूजर्स को डिजिटल कंटेंट बेच रहे हैं। 29 सितंबर 2021 के बाद गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम से भुगतान करवाना होगा। ऐसा करने से गूगल कुछ पैसा अपनी फीस के तहत काट सकेगा।
इसके विरोध में कई डवलपर्स ने सीसीआई को शिकायत में कहा कि गूगल नई नीति के जरिए भारतीय डवलपर्स और विभिन्न टेक कंपनियों को अपने उत्पाद उसके बिलिंग सिस्टम से ही भेजने के लिए मजबूत कर रहा है ताकि अपना मुनाफा बढ़ा सके। इससे मुक्त प्रतिस्पर्धा को भी नुकसान होगा। वहीं अलाइंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन की आपत्तियों को देख गूगल ने डेडलाइन को पहले 31 मार्च 2022 और फिर 31 अक्तूबर 2022 तक के लिए बढ़ाया।
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