नई दिल्ली (New Delhi)। टेक जगत की सबसे बड़ी कंपनी गूगल (company google) अपने यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर एक महत्वपूर्ण परिवर्तन करने जा रही है। इसके लिए गूगल की मैप्स (google maps) सेवा का अपडेट मिल गया है, जो आपकी गोपनीयता को बढ़ाता है, जिससे सरकारें आपके स्थान को नहीं पकड़ सकेंगे।
यूजर-प्राइवेसी को बढ़ाने का प्रयास
गूगल ने एक ताजे अनाउंसमेंट में इस अपडेट की जानकारी दी है. गूगल के अनुसार, मैप्स सर्विस के इस अपडेट के बाद गूगल मैप्स की लोकेशन हिस्ट्री अथॉरिटीज यानी कानून प्रवर्तन एजेंसियों जैसे पुलिस आदि के लिए वर्चुअली अनुपलब्ध हो जाएगी. गूगल के इस अपडेट को कानून प्रवर्तन एजेंसियों की दखल पर लगाम लगाने और यूजर्स की प्राइवेसी को बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
चुनिंदा लोकेशन के डेटा को हटाने की सुविधा
इनके अलावा गूगल की मैप्स सर्विस में एक और बड़ा बदलाव चुनिंदा डेटा को डिलीट करने की सुविधा है. अब गूगल अपने यूजर्स को इस बात की भी सुविधा देगी कि वह किसी खास लोकेशन से जुड़ी हिस्ट्री को हटा सके. गूगल की तरफ से पहले ही लोकेशन को इनेबल-डिसेबल करने की सुविधा दी जा रही है. अब यूजर लोकेशन सर्विस ऑन रखने के बाद भी उसे पूरी तरह से कंट्रोल कर पाएंगे. यह यूजर पर निर्भर करेगा कि वह अपने डेटा को किस हद तक स्टोर करना चाहता है.
नए साल में मिलने लगेगा अपडेट
गूगल का यह अपडेट जल्दी ही एंड्रॉयड और आईओएस यूजर्स के लिए उपलब्ध होने लगेगा. गूगल के इस मैप अपडेट की शुरुआत अगले साल होने की उम्मीद है. जियोफेंस वारंट के बढ़ते दुरुपयोग के चलते लंबे समय से इस तरह के बदलाव की मांग की जा रही थी. प्राइवेसी एक्टिविस्ट लगातार डिमांड कर रहे थे कि जियोफेंस वारंट के जरिए दुनिया भर में अथॉरिटीज लोगों की प्राइवेसी में खलल डाल रही हैं. गूगल ने अंतत: इस पर अमल किया है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved