नई दिल्ली । केंद्रीय गृहमंत्री (Union Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि अच्छा आतंकवाद और बुरा आतंकवाद (Good Terrorism and Bad Terrorism) और आतंकी हमला छोटा या बड़ा (Terrorist Attack Small or Big), ये दोनों नैरेटिव (Both Narrative) एक साथ नहीं चल सकते (Cannot Go Together) । अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में 90वीं इंटरपोल महासभा के समापन सत्र को संबोधित किया। इंटरपोल ने 2020-25 के लिए जो पहला लक्ष्य रखा है, वो है आतंकवाद के खतरे से निपटना।
अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानव अधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है। सीमा पार आतंकवाद के लिए सभी देशों का समन्वय बहुत जरूरी है, उसके बिना आतंकवाद से नहीं लड़ा जा सकता। समन्वय के लिए इंटरपोल सर्वोत्तम प्लेटफार्म है। इस आयोजन में 195 देशों के प्नतिनिधि के साथ साथ पाकिस्तान से भी प्रतिनिधि मौजूद थे।
अमित शाह ने आगे कहा कि सभी देशों को आतंकी और आतंकवाद की व्याख्या पर सहमति बनानी होगी। इसके बिना वैश्विक आतंकवाद से नहीं निपटा जा सकता। अच्छा आतंकवाद और बुरा आतंकवाद और आतंकी हमला छोटा या बड़ा हमला, ये दोनों नैरेटिव एक साथ नहीं चल सकते। खासतौर से ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन द्वारा क्रॉस बॉर्डर से फैलाई जा रही टेररिज्म की आइडियोलॉजी की चुनौती पर भी आम सहमति बनाना आवश्यक है। हम इस समस्या को राजनीतिक समस्या नहीं मान सकते।
अमित शाह ने सुझाव दिया कि सभी सदस्य देशों की काउंटर टेररिज्म व एंटी-नारकोटिक्स एजेंसियों के बीच रियल टाइम इनफार्मेशन एक्सचेंज लाइन स्थापित करने के बारे में एक स्थाई तंत्र बनाने की दिशा में इंटरपोल पहल करे। इंटरपोल पिछले 100 साल के अपने अनुभवों और उपलब्धियों के आधार पर अगले 50 साल के लिए भावी योजना तैयार करे।
अमित शाह ने आगे कहा कि भारत एक डेडिकेटेड सेंटर या कन्वेंशन स्थापित करने और दुनिया भर की काउंटर टेररिज्म और एंटी-नारकोटिक्स एजेंसियों के लिए समर्पित संचार नेटवर्क दिशा में इंटरपोल के सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। भारत आतंकवाद के सभी स्वरूपों — नार्को टेरर, रेडिक्लाइजेशन टेरर, ऑर्गनाइज्ड सिंडिकेट और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इंटरपोल के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।
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